अपडेटेड 10 January 2024 at 19:01 IST
लाल चींटी की चटनी, काला चावल... ओडिशा के इन अद्भुत प्रोडक्ट्स का स्वाद चखा क्या? मिल चुका है GI टैग
Odisha News Red Ant Chutney: लाल चींटी की चटनी ही नहीं, ओडिशा में ऐसे 7 प्रोडक्ट्स हैं जो अपने स्वाद और अनूठेपन के लिए मशहूर हैं।
- भारत
- 3 min read

Odisha News Red Ant Chutney: लाल चींटी की चटनी को ओडिशा के लोग बड़े चाव से खाते हैं। जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग मिलने के बाद यह चटनी चर्चा का विषय बन गई है। हालांकि, इस चटनी के अलावा भी ओडिशा में 6 और ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जो अपने अनूठेपन के लिए प्रसिद्ध हैं। इन उत्पादों को भी GI टैग मिल चुका है। आइए विस्तार से जानते हैं।
स्टोरी की खास बातें
- लाल चींटी की चटनी को मिला GI टैग
- ओडिशा में 7 प्रोडक्ट्स हैं लोकप्रिय
- इनके लोकप्रिय होने की है खास वजह
1. लाल चींटी की चटनी
इस चटनी को बनाने के लिए चींटियों और उनके अंडों को उनके घोंसले से इकट्ठा किया जाता है। इस्तेमाल करने से पहले चींटियों को अच्छी तरह से साफ किया जाता है। चीटियों को लहसुन और मिर्च के साथ पीसा जाता है और सुखाया जाता है। सूखने के बाद इसे मुसल में दोबारा पीसा जाता हैं। फिर टमाटर, धनिया, नमक इत्यादि डालकर चटनी को तैयार किया जाता है। बताया जाता है कि इसमें कैल्शियम, आयरन, विटामिन-बी12, मैग्नीशियम भारी मात्रा में पाया जाता है।
2. काला जीरा चावल
Advertisement
इसे 'प्रिंस ऑफ राइस' के नाम से भी जाना जाता है। यह अपने स्वाद और पोषण के महत्व को लेकर काफी लोकप्रिय है। बताया जाता है कि कोरापुट क्षेत्र के आदिवासी किसानों ने लगभग 1,000 वर्षों से चावल की किस्म को संरक्षित रखा है। इस चावल के दाने जीरे के समान होते हैं, इसलिए इसे काला जीरा भी कहा जाता है।
3. नयागढ़ कांटेईमुंडी बैंगन
Advertisement
इस बैंगन में खूब सारे कांटे होते हैं। इसमें बैंगन की बाकी प्रजातियों से ज्यादा बीज भी होते हैं। यह अपने स्वाद और कम समय में तैयार किए जाने की वजह से काफी प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि किसानों ने करीब 100 साल पहले इसे उगाना शुरू किया था।
4. कपडगंडा शॉल
ओडिशा के रायगढ़ में नियमगिरि पहाड़ियों में डोंगरिया कोंध जनजाति पाई जाती है। ये शॉल उन्हीं के द्वारा तैयार किया जाता है। इस शॉल को तैयार करने के लिए एक मटमैले सफेद मोटे कपड़े पर लाल, पीले और हरे रंग के धागों से कढ़ाई की जाती है, जिसमें प्रत्येक रंग का अपना महत्व होता है। हरा रंग पहाड़ों और पहाड़ियों का प्रतीक है, पीला शांति और खुशी का प्रतीक है और लाल रक्त का प्रतीक है।
5. ओडिशा खजूरी गुड़
ओडिशा का खजुरी गुड़ खजूर के पेड़ों से निकाला जाता है। गुड़ को 'पाटली गुड़' नामक समलम्बाकार रूप में तैयार किया जाता है और यह प्रकृति से जैविक होता है। यह गहरे भूरे रंग का होता है और इसका स्वाद अनोखा होता है।
6. लांजिया सौरा पेंटिंग
ओडिशा के 7 लाजवाब उत्पादों में से एक लांजिया सौरा पेंटिंग भी है। यह कला मुख्य रूप से रायगढ़ जिले के लांजिया सौरा समुदाय की बताई जाती है। माना जाता है कि लांजिया सौरा दीवारों पर इस पेंटिंग को बनाकर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
7. ढेंकनाल माजी
यह एक ऐसी मिठाई है, जिसे भैंस के दूध के पनीर से तैयार किया जाता है। यह स्वाद, साइज और आकार में काफी अद्भुत होती है। पनीर से नमी निकालकर और फिर उसे भूनकर और अंत में उस मिश्रण से गोले बनाकर मिठाई तैयार की जाती है।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 10 January 2024 at 19:01 IST