अपडेटेड 29 June 2025 at 19:43 IST
RBI के खुफिया खजाने को लेकर बनी डॉक्यूमेंट्री हुई लॉन्च, करोड़ों की लगी है एक-एक ईंट, 5 पार्ट में देखें सीरीज
RBI ने ‘RBI अनलॉक्ड’ में अपनी छिपी हुई सोने की तिजोरी खोली। हर ईंट में करोड़ों, भारत की मुद्रा के रहस्य और 90 साल की विरासत पहली बार सामने आई।
- भारत
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहली बार अपना खुफिया खजाना सबको दिखाया है। दरअसल, आरबीआई ने अपने छिपे हुए सोने के भंडार को आम जनता के लिए खोल दिया है। इससे देश की वित्तीय ताकत के केंद्र में एक दुर्लभ झलक देखने को मिली है। इस सीक्रेट खजाने को नई डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ ‘RBI अनलॉक्ड: बियॉन्ड द रुपी’ में दिखाया गया है। यह जियो हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही है।
इस डॉक्यूमेंट्री को पांच पार्ट में बनाया गया है। इसे बनाने का उद्देश्य RBI के महत्वपूर्ण कार्यों पर से पर्दा हटाना है। ताकि भारत के लोगों को अपने देश के केंद्रीय बैंक की 90वीं वर्षगांठ पर एक खुफिया जानकारी मिल सके।
हर ईंट में करोड़ों: RBI के सोने के भंडार में क्या है?
इस डॉक्यूमेंट्री में भारत में कड़ी सुरक्षा के बीच रखी गई 12.5 किलोग्राम वजन की सोने की ईंटें दिखाई गई हैं। ये ईंटें सिर्फ धातु की नहीं हैं - इनकी कीमत करोड़ों रुपये है और ये मिलकर भारत के 870 टन सोने के भंडार का प्रतिनिधित्व करती हैं। सीरीज में RBI के अधिकारी सोने के इस स्थायी मूल्य पर फोकस करते हैं कि 'देशों का उत्थान और पतन होगा। अर्थव्यवस्थाओं में उतार-चढ़ाव होंगे। लेकिन सोना हमेशा अपना मूल्य बनाए रखेगा।'
1991 के भुगतान संतुलन संकट के बाद भारत को अपने सोने का कुछ हिस्सा विदेश में गिरवी रखना पड़ा, RBI ने भविष्य के झटकों से बचने के लिए दशकों में अपने सोने के भंडार में वृद्धि की। हालिया अपडेट के आंकड़ों के अनुसार, RBI के सोने के भंडार का मूल्य $85 बिलियन से अधिक है, जो इसे विदेशी मुद्रा स्थिरता और निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए सबसे मजबूत साधनों में से एक बनाता है।
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एक्सक्लूसिव एक्सेस: जियो हॉटस्टार पर RBI अनलॉक्ड डॉक्यूमेंट्री
चॉकबोर्ड एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित ‘RBI अनलॉक्ड: बियॉन्ड द रुपी’, RBI के 90 वर्षों में हुए विकास का एक दृश्य इतिहास है। यह दिखाता है कि कैसे केंद्रीय बैंक एक पूर्ण-सेवा मौद्रिक प्राधिकरण में बदल गया है, जो मुद्रा और बैंकिंग विनियमन से लेकर ब्याज दरों और वित्तीय समावेशन तक सब कुछ प्रबंधित करता है।
भारत की मुद्रा के पीछे की कहानी: एक ‘मेड इन इंडिया’ सफलता
यह डॉक्यूमेंट्री भारत की मुद्रा क्रांति की कम-ज्ञात कहानी भी बताती है। एक बार, भारत ने अपनी मुद्रा के लिए विशेष सुरक्षा कागज़ का आयात किया, जो मुट्ठी भर वैश्विक फर्मों पर निर्भर था - जिससे नकली नोटों का जोखिम बढ़ गया। RBI की पूर्व डिप्टी गवर्नर उषा थोराट बताती हैं कि 2010 में, जांच में उल्लेखनीय रूप से उच्च गुणवत्ता वाले नकली नोट पाए गए, जिसका श्रेय आयातित सामग्रियों पर निर्भरता को जाता है।
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Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 29 June 2025 at 19:43 IST