अपडेटेड 10 October 2024 at 23:02 IST

जमशेदजी, जेआरडी से रतन टाटा तक... टाटा परिवार के किस सदस्य ने कैसे बढ़ाया कारोबार? पूरी फैमिली ट्री

Ratan TATA Family Tree: टाटा ग्रुप को की नींव रखने से लेकर सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाने में जमशेदजी, जेआरडी से रतन टाटा तक ने बड़ी भूमिका निभाई।

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TATA Family TREE
Tata Family Tree: टाटा परिवार | Image: Republic

Ratan TATA Family Tree: भारत के बिजनेस टाइकून रतन टाटा वने 86 साल की उम्र में इस दुनिय को अलविदा कह दिया। भारत के लिए रतन टाटा का जाना एक अपूर्णीय क्षति है। रतन टाटा अपने पीछे हजारों करोड़ों की विरासत छोड़कर गए हैं। हालांकि, इस बात पर खूब चर्चा हो रही है, कि अब रतन टाटा के हजारों करोड़ों की विरासत का उत्तराधिकारी कौन होगा।

इसमें तीन नामों पर जोर शोर से चर्चा चल रही है। इस देश की आर्थिक स्थिति में भी बड़ा योगदान रहा है। जमशेदजी टाटा के बाद रतन टाटा ने पूरे टाटा ग्रुप को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा दिया। आइए जानते हैं, कि टाटा परिवार में कौन-कौन से मुख्य सदस्य हैं?

नुसरवानजी टाटा

सबसे पहला नाम नुसरवानजी टाटा का है, जो एक पारसी पुजारी थे। 1822 में इनका जन्म हुआ और 1886 में वो दुनिया को अलविदा कह गए। इन्होंने ही टाटा ग्रुप की नींव रखी। नुसेरवानजी टाटा की शादी जीवनबाई कावासजी टाटा से हुई थी और इनके पांच बच्चे थे, जिनका नाम जमशेदजी टाटा, रतनबाई टाटा, मानेकबाई टाटा, वीरबैजी टाटा है।

जमशेदजी टाटा (1839-1904)

दूसरा नाम जमशेदजी टाटा का है। जमशेदजी टाटा ही टाटा ग्रुप के संस्थापक भी हैं। उन्होंने ही भारत में सबसे पहले उद्योग की स्थापना की थी, इसलिए जमशेदजी टाटा को भारतीय उद्योग जगत का पिता भी कहा जाता है। जमशेदजी टाटा ने ही टाटा स्टील, टाटा होटल्स और हाइड्रोपावर बिजनेस की शुरुआत की। उनकी शादी हीराबाई दाबू से हुई, और तीन बच्चे भी हुए। तीनों बच्चों का नाम सर दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और सर रतनजी टाटा है।

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दोराबजी टाटा (1859-1932)

बड़े बेटे दोराबजी टाटा ने जमशेदजी टाटा के निधन के बाद टाटा ग्रुप एंड संस की कमान संभाली और टाटा स्टील के साथ टाटा पॉवर स्थापित किया।

रतनजी टाटा (1871-1918)  

जमशेदजी टाटा के छोटे बेटे रतनजी टाटा ने टाटा के कॉटन और टेक्सटाइल बिजनेस को आगे बढ़ाया और सफलता के एक नए मुकाम तक ले गए। रतनजी टाटा ने एक फ्रांसीसी महिला से शादी की और उनका एक बेटा हुआ, जिसका नाम जेआरडी टाटा है। जेआरडी टाटा 50 साल से ज्यादा तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे।

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बाद में जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस की स्थापना भी की। हालांकि, भारत सरकार ने बाद में इसे अधिग्रहण किया और इसका नाम बदलकर एयर इंडिया रखा गया।  

नवल टाटा (1904-1989)

रतनजी टाटा ने नवल टाटा को गोद लिया। नवल टाटा ग्रुप में अपनी सेवा देते रहे। वहीं उन्होंने दो शादियां की। रतनजी टाटा की एक पत्नी का नाम सूनी टाटा है तो दूसरी का नाम सिमोन टाटा है।

रतन टाटा (1937-2024)

रतनजी और सूनी टाटा के दो बच्चे थे, जिनमें एक का नाम रतन टाटा है और दूसरे का जिम्मी टाटा। रतन टाटा 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने रहे। इसके बाद 2016 से 2017 तक अंतरिम चेयरमैन के तौर पर रतन टाटा ने टाटा ग्रुप की कमान संभाली। इस दौरान टाटा सफलता के नए मुकाम पर पहुंच गया। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने ओटोमोबाइल और डिफेंस के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया।

नोएल टाटा (1957)

वहीं नवल टाटा और उनकी दूसरी पत्नी सिमोन के साथ एक संतान हुई, जिसका नाम नोएल टाटा है। नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं, जिनका नाम माया टाटा, नेविल टाटा और लिया टाटा है।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 10 October 2024 at 23:02 IST