अपडेटेड 6 April 2025 at 12:29 IST

BIG BREAKING: रामनवमी पर रामलला की ललाट पर सूर्य ने किया तिलक; देखिए अद्भुत और अविस्‍मरणीय VIDEO

रामनवमी के पावन मौके पर रामनगरी अयोध्‍या उल्लास में डूब चुकी है। राम का जन्‍मोत्सव मनाया जा रहा है। दोपहर में 12 बजे भगवान सूर्य ने रामलला के ललाट पर तिलक किया

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Ram Navami Surya tilak celebration lord Shri Ram Idol at ayodhya Temple
रामनवमी पर रामलला की ललाट पर सूर्य ने किया तिलक; देखिए अद्भुत और अविस्‍मरणीय तस्‍वीर | Image: Video Grab

रामनवमी के पावन मौके पर रामनगरी अयोध्‍या उल्लास में डूब चुकी है। राम का जन्‍मोत्सव मनाया जा रहा है। दोपहर में ठीक 12 बजे भगवान सूर्य ने रामलला के ललाट पर तिलक किया। भगवान सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक का चार मिनट तक अभिषेक करती रहीं।  सूर्य तिलक को सही तरीके से कराने के लिए इसरो के साथ देश के विभिन्न आईआईटी के वैज्ञानिक इसका पूर्वाभ्यास करते रहे। शनिवार को अंतिम बार इसका सफल ट्रायल किया गया था। इस मौके का साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। आने वाले भक्तों पर ड्रोन से सरयू के पवित्र जल की फुहारों से बारिश कराई गई।

रामजन्मोत्सव पर रामलला ने रत्न जड़ित पीले वस्त्र और सोने का मुकुट धारण कर भक्तों को दर्शन दिए। दोपहर ठीक 12 बजे रामजन्म के साथ ही सूर्य की किरणों ने चार मिनट तक रामलला का 'सूर्य तिलक' किया। अध्यात्म व विज्ञान के इस अद्भुत संगम को हर कोई अपनी आंखों में बसाने को लालायित दिखा। इससे पहले सुबह 3:30 बजे मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे। रामलला का श्रृंगार, राग-भोग, आरती व दर्शन का क्रम चलता रहा।

इस तरह हुआ सूर्य तिलक

मंदिर के ऊपरी हिस्से पर लगे दर्पण पर सूर्य की किरणें गिरीं। यहां से परावर्तित होकर पीतल के पाइप में पहुंचीं। पाइप में लगे दर्पण से टकराकर किरणें 90 डिग्री कोण में बदल गई। लंबवत पीतल के पाइप में लगे तीन लेंसों से किरणें आगे बढ़ते हुए गर्भगृह में लगे दर्पण से टकराईं। यहां से 90 डिग्री का कोण बनाकर 75 मिलीमीटर टीके के रूप में रामलला के ललाट को सुशोभित किया।

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क्या है सूर्य तिलक का महत्व

भगवान राम का जन्म सूर्यवंश में हुआ था और उनके कुल देवता भी सूर्यदेव ही हैं। श्रीराम का जन्म मध्य काल में अभिजीत मुहूर्त हुआ था और इस समय सूर्य अपने पूरे प्रभाव में थे। शास्त्रों में सूर्य को जीवन का स्त्रोत माना जाता है और होने वाला सूर्य तिलक भगवान राम के सूर्यवंश के प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने से यश, बल, आरोग्य, तेज की प्राप्ति होती है और कुंडली में ग्रहों के राजा सूर्यदेव की स्थिति भी मजबूत होती है। कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मजबूत होने से कभी किसी चीज की कमी नहीं होती और समाज में आपकी यश, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 6 April 2025 at 12:13 IST