अपडेटेड 22 January 2024 at 13:28 IST
हो गई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा... 500 साल का इंतजार खत्म, 140 करोड़ भारतीय हुए भाव विभोर
Ram Mandir Pran Pratishtha: स्वर्ग सा सजा अयोध्या धाम, आ गए हमारे राम। 22 जनवरी, 2024 जी हां, इस तारीख को हिंदुस्तान कभी नहीं भूलेगा।
- भारत
- 4 min read

Ram Mandir Pran Pratishtha: स्वर्ग सा सजा अयोध्या धाम, आ गए हमारे राम। 22 जनवरी, 2024 जी हां, इस तारीख को हिंदुस्तान कभी नहीं भूलेगा। कहते हैं इंतजार का फल मीठा होता है, 500 सालों से भगवान राम को अयोध्या में विराजमान होने का सपना देख रहे लोगों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। सिर्फ अयोध्या ही नहीं बल्कि पूरा देश राममय हो गया है। भारत ही नहीं दुनियाभर में जय श्री राम की गूंज सुनाई दे रही है। सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई और राम लला विराजमान हुए।
अयोध्या में हुए इस भव्य समारोह में देश की कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बॉलीवुड के मशहूर सिंगर सोनू निगम ने 'राम सिया राम' गाने से समां बांधा और पूरा देश मंत्रमुग्ध हो गया। दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर पीएम मोदी राम मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर पूजा के लिए आए और मानो पूरा देश इस लम्हे को देखने के लिए रुक गया।
हो गया रामलला का प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम लला के लिए चांदी का छत्र लेकर मंदिर पहुंचे। उन्होंने इस भेंट को पंडित को सौंपा और पूजा के लिए बैठ गए। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान का संकल्प लिया। इस बीच RSS चीफ मोहन भागवत उनके बगल में बैठे हुए दिखे। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी वहां मौजूद रहे। मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 'पायो जी मैंने राम-लखन पायो' ने देशवासियों का दिल खुश कर दिया। अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने साथ में पूजा अर्चना की। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा पूरी हुई।
प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहले श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष चंपत राय ने अतिथिगणों को संबोधित किया। उन्होंने सबका आभार जताया। रामलला के परिधान से लेकर अन्य चीजों के लिए सबके योगदान को याद किया।
Advertisement
राम मंदिर पर क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम लला को विराजमान होते देख देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन इसकी शुरुआत पांच साल पहले यानि 9 नवंबर 2019 को ही हो गई थी जब सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने राम भक्तों को सुकून दिया था। गौरतलब है कि 9 नवंबर 2019 को राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का अंतिम फैसला हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि जो 2.77 एकड़ की विवादित जमीन है, वह रामलला की जन्मभूमि है।
राममय हुआ पूरा भारत
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पूरा देश राममय हो गया। भारत की हर गली में जय श्री राम की गूंज सुनाई दे रही है। जमीन से लेकर आसमान तक सिर्फ राम का नाम सुनाई दे रहा है। कोई कह रहा है कि आ गयी सनातन संस्कृति के पुनरुत्थान की बेला तो कोई कह रहा है 'मेरे जन्मों के सारे पाप मीट जाएंगे क्योंकि अब श्री राम आ गए हैं।
Advertisement
कब शुरू हुई थी राम जन्म भूमि की लड़ाई
22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम लला विराजमान हो गए। गर्भगृह में भगवान राम का दिव्य रूप देखकर पूरा देश धन्य हो गया। बता दें कि अयोध्या में इस सपने को साकार करने की लड़ाई 500 साल पहले शुरू हो गई थी। 1528 से 1853 तक इस मामले में हिंदू बहुत मुखर नहीं हो पाए। लेकिन लड़ाई जारी रही और कहते हैं किसी चीज को सिद्दत से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने में जुट जाती है। 1528 में देखा गया सपना आखिरकार 2024 में साकार हुआ। इस लड़ाई को लड़ने वाले कई योद्धा आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वो जहां भी होंगे इस पल को देखकर विभोर जरूर हो गए होंगे।
Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 22 January 2024 at 13:07 IST
