अपडेटेड 3 April 2025 at 20:02 IST

'ईद के दिन संभल में जब लोग नमाज पढ़ रहे थे तो बाहर अधिकारी हाथ में नंगी...', वक्फ पर चर्चा के दौरान रामगोपाल को याद आया संभल

वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पास कराने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया। इस पर राज्यसभा में दोपहर 1 बजे से चर्चा चल रही है।

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Ram Gopal Yadav
Ram Gopal Yadav | Image: yt/grab

Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल को लोकसभा में पास कराने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया गया। इस पर राज्यसभा में दोपहर 1 बजे से चर्चा चल रही है। बिल पर बहस के बीच सपा सांसद राम गोपाल का एक बयान तेजी से चर्चा में आया है। राम गोपाल यादव वक्फ विधेयक पर चर्चा में ही शामिल थे। उसे आगे बढ़ाते हुए उन्होंने संभल का जिक्र कर डाला।

राम गोपाल यादव ने राज्यसभा में कहा,'कल लोकसभा में देर रात तक चर्चा चली और बिल पास हो गया। मुझे लगता है कि संसद के माध्यम से वक्फ को लेकर देश की आम जनता में कंफ्यूजन पैदा किया जा रहा है। स्थिति बिल्कुल साफ है कि सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। देश में अल्पसंख्यकों की बहुत बड़ी आबादी है, खासकर मुसलमानों की। मेरे ख्याल से हिंदुस्तान के मुकाबले मुसलमानों की इतनी बड़ी आबादी दुनिया में और कही नहीं है। ऐसे में इतनी बड़ी आबादी के साथ, अगर लोगों को यह लगे कि अन्याय हो रहा है और फिर जनता में यह चर्चा हो जाए। तो फिर आप कितना ही कुछ भी कह लीजिए उससे काम नहीं चलने वाला है। आपने अतीत में जो किया है जनता उससे संतुष्ट नहीं है। भले ही आप चुनाव जीत जाएं, लेकिन जनता उससे संतुष्ट नहीं है। जो वादे सरकार ने जनता से किए, उन वादों को न पूरा किया और न ही उन पर अमल करने की कोशिश की। ऐसे में पब्लिक को आप पर विश्वास नहीं है।'

'सारी संपत्ति बेचने के बाद वक्फ पर आ गए'

अपने भाषण में सपा सांसद ने आगे कहा, 'जो भाषण उधर (सत्ता पक्ष) से हो रहे हैं उसमें जमीन और फंड की बात आती है। मुझे ऐसा लगता है कि साल 2014 से साल 2024 तक आपको याद ही नहीं रहा। 10 साल आपको याद ही नहीं रहा कि कितनी बड़ी संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है। कितना पैसा वक्फ बोर्ड के पास है। जब देश की सारी संपत्ति बेच ली, तब आप वक्फ पर आ गए। ऐसा मत करिए। ये देश मिलकर और सभी के सहयोग से आगे बढ़ सकता है।'

उन्होंने आगे मनोज झा के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि प्रोफेसर झा ने इशारा किया था कि हम धीरे-धीरे लोकतांत्रिक राज्य से अधिनायकवादी राज्य (Democratic state To Totalterian State) की तरफ धीरे-धीरे बढ़ते रहे हैं। अगर ऐसी स्थिति आती है तो यह सभी के लिए बहुत नुकसानदायक बात होगी। इसलिए ऐसी स्थिति मत पैदा होने दीजिए।'

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बिल पर क्यों है संदेह?

राम गोपाल यादव ने कहा कि इस बिल पर हमें इसलिए ज्यादा संदेह है क्योंकि यूपी में लोग नमाज नहीं पढ़ सकते, अपने घरों की छतों पर नमाज नहीं पढ़ सकते, ईद के दिन संभल में जब लोग नमाज पढ़ रहे थे तो बाहर अधिकारी हाथ में नंगी रिवॉल्वर लिए फोर्स के साथ तैनात थे। जहां शांति की बात होती है वहां जब यह माहौल हो जाए तो आप यह बिल भले ही किसी अच्छे मन से ले आएं, तब भी अल्पसंख्यकों की सहमति इसमें नहीं होगी। उन्हें आप पर भरोसा हो ही नहीं सकता। इसलिए पहले यूपी सरकार को संभालिए कि अल्पसंख्यकों के साथ ठीक व्यवहार करें और फिर इस तरह के बिल लाएं।'

अब राज्यसभा में बीजेपी की अग्निपरीक्षा

बीजेपी वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा से पारित करा लाई है, लेकिन असली परीक्षा राज्यसभा में है। यहां सत्ता पक्ष की तरह विपक्ष भी मजबूत स्थिति में है। अगर एनडीए के कुछ सदस्य यहां क्रॉस वोटिंग कर गए तो बिल अटक जाएगा और इससे बीजेपी की कोशिश नाकाम हो सकती है। मसलन लोकसभा की तरह राज्यसभा में बीजेपी को अपने सहयोगियों को पूरे भरोसा में लेकर ही चलना पड़ेगा।

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नंबर गेम देखें तो राज्यसभा में कुल 245 सदस्य हैं। अभी राज्यसभा के सिटिंग सदस्यों की संख्या 236 है, जबकि 9 सीटें खाली हैं। इस लिहाज से किसी बिल पर बहुमत के लिए 118 वोट चाहिए होंगे। इसमें सत्ताधारी बीजेपी नीत एनडीए के पास 125 सांसद हैं।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 3 April 2025 at 20:02 IST