अपडेटेड 20 March 2025 at 21:34 IST
पंजाब में किसानों पर एक्शन से AAP सरकार पर चौतरफा हमला, अब विवाद में राकेश टिकैत की एंट्री, सड़कों पर उतरने का ऐलान
पंजाब पुलिस द्वारा बॉर्डर से किसानों के तंबू हटाए जाने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, जिस तरह का रवैया था उससे लगता है कि तानाशाही है।
- भारत
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पंजाब और हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को आखिरकार हटा दिया गया। 19 मार्च की शाम से जबरन कार्रवाई शुरू हुई जो 20 मार्च तक चली। इसके साथ लंबे समय से चला आ रहा किसानों का आंदोलन भी पंजाब सरकार के आदेश के बाद जबरन समाप्त करा दिया गया। हरियाणा-पंजाब शंभू सीमा पर अभी भारी सुरक्षाबल मौजूद है। मगर पंजाब की मान सरकार के इस ताबड़तोड़ एक्शन से किसान नाराज है। अब किसान नेता राकेश टिकैट ने सरकार के इस फैसले को तानाशाही बताते हुए बड़े प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
पंजाब पुलिस ने बुधवार को सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को मोहाली में उस समय हिरासत में ले लिया, जब वे चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने के बाद लौट रहे थे। पुलिस ने शंभू और खनौरी धरना स्थलों से भी प्रदर्शनकारी किसानों को हटा दिया। पुलिस ने इन दोनों स्थलों पर बनाए गए अस्थायी ढांचों और मंचों को भी जेसीबी मशीनों का उपयोग करके गिरा दिया। पंजाब सरकार के इस फैसले का किसान विरोध कर रहे हैं और बड़े आंदोलन की चेतावनी दे रहें हैं।
राकेश टिकैत ने पंजाब सरकार को दी चेतावनी
पंजाब पुलिस द्वारा बॉर्डर से किसानों के तंबू हटाए जाने पर किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, "जिस तरह का रवैया था उससे लगता है कि तानाशाही रवैया है। लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। प्रशासन और अधिकारियों को बातचीत से रास्ता निकालना चाहिए थाष पंजाब की जत्थेबंदी जो फैसला लेगी, हम उनके साथ हैं। कल 21 मार्च को उत्तर प्रदेश में हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा और ज़िलाधिकारी को ज्ञापन सौपेंगे।"
पंजाब के वित्त मंत्री की सफाई
वहीं, मान सरकार के इस फैसले पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा- 'किसानों का ये विरोध पंजाब की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा था। आम आदमी पार्टी उनसे (किसानों) अनुरोध करती है कि वो राजमार्गों को बंद न करें, जो राज्य के लिए जीवन रेखा हैं।' हरपाल चीमा कहते हैं- 'पंजाब में दो प्रमुख सड़कें बंद होने से पंजाब के व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा राज्य के युवाओं को रोजगार देने की हमारी प्रतिबद्धता तभी सफल हो सकती है, जब राज्य में व्यापार सुचारू रूप से चले।'
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मान सरकार के फैसले पर सवाल
ऐसे ही AAP के कई नेताओं के बयान हैं, जिनमें पंजाब के व्यापार और कामकाज के नुकसान की बात है। हालांकि इसको समझना होगा कि किसान पिछले एक साल से अधिक समय से यहां बैठे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की तरफ से पहले इस तरह की बात कभी नहीं कही गई। मगर फिर भी सवाल उठता है कि आखिर पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई वाली AAP सरकार ने अचानक और रात के अंधेरे में क्यों किसानों को हटाने का काम किया?
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 20 March 2025 at 19:56 IST