अपडेटेड 20 March 2025 at 17:43 IST

टेंट उखाड़े, किसानों को भगाया, कई हिरासत में; भगवंत मान ने पंजाब में अचानक क्यों लिया एक्शन, किस बात का सताया डर?

शंभू बॉर्डर के साथ खनौरी सीमा पर किसानों के साथ पंजाब पुलिस की जबरदस्ती सबने देखी। किसानों के टैंट उखाड़ दिए गए। उन्हें जगह खाली करने पर मजबूर होना पड़ा।

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Punjab govt remove farmers from shambhu border
पंजाब सरकार ने किसानों को शंभू बॉर्डर से हटाया. | Image: PTI

Shambhu Border Farmers Issue: कोई चारपाई पर सोया था, किसी का बिस्तर मंच पर तो अपने हक की लड़ाई के लिए किसी ने जमीन पर एक पतली चादर को अपना गद्दा बना रखा था। पंजाब को हरियाणा या यूं कहें की दिल्ली से जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर के साथ खनौरी बॉर्डर की 24 घंटे पहले तक यही स्थिति थी। मौजूदा परिदृश्य यहां एकदम उलट है। जो सड़क सालभर से बंद पड़ी, एकाएक वहां बुलडोजर एक्शन हुआ और उसके साथ यहां आवागमन के लिए साफ सफाई हो गई। खैर ये सब यूं ही नहीं हुआ है। इसके लिए किसानों के आंसुओं, अरमानों और उनके अधिकारों की बलि दे दी गई है।

पिछले 24 घंटे में शंभू और खनौरी बॉर्डर की तस्वीर बदल चुकी है। दोनों बॉर्डर पर बुधवार दोपहर तक किसान पूरे सालभर की तरह अपना डेरा जमाकर बैठे थे। सूरज ढलने के साथ पंजाब पुलिस ने अपना काम शुरू कर दिया। इतना स्पष्ट है कि बिना किसी ऊपरी ऑर्डर के पुलिस किसानों को वहां से हटाने नहीं पहुंची होगी। वैसे ये सरकारी तंत्र है, लेकिन इसमें किसानों को बिना किसी उकसावे वाली कार्रवाई की स्थिति में पंजाब पुलिस ने दोनों बॉर्डर से उखाड़ दिया। जो नहीं हटना चाहता था, जबरन उठाकर भगा दिया। आवाज उठाने वाले कुछ नेता हिरासत में ले लिए गए। बुलडोजर से उनके अस्थायी ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए। पंजाब पुलिस की इस एकाएक कार्रवाई में सबको हैरत में डाल दिया है।

दिल्ली में सेवादारी की, पंजाब में उसी ने उखाड़े तंबू

शंभू बॉर्डर के साथ खनौरी सीमा पर किसानों के साथ पंजाब पुलिस की जबरदस्ती सबने देखी। हैरानी इस बात है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जो कभी दिल्ली में आंदोलन के समय किसानों की हितैषी बना करती थी। अरविंद केजरीवाल किसानों को खुश करने के लिए सार्वजनिक रैलियों से खुद को सेवादार बताया करते थे। पंजाब में भगवंत मान किसान हितों की बात किया करते थे। पंजाब में आम आदमी पार्टी का ये चरित्र एकदम उलट दिखा है, जहां जोर-ज़ुल्म से किसानों की आवाज को दबाने कोशिश में उनके आंदोलन को लगभग खत्म कर दिया है।

भगवंत मान ने पंजाब में अचानक क्यों लिया एक्शन?

सवाल उठता है कि आखिर पंजाब में भगवंत मान की अगुवाई वाली AAP सरकार ने अचानक और रात के अंधेरे में क्यों किसानों को हटाने का काम किया? क्या पंजाब सरकार को किसी बात का डर सता रहा था। ऐसा इसलिए कि पंजाब के AAP नेताओं और मंत्रियों के बयानों से कहीं ना कहीं राज्य के खराब हालातों के संकेत मिलते हैं।

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पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा एक बयान में कहते हैं- 'किसानों का ये विरोध पंजाब की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहा था। आम आदमी पार्टी उनसे (किसानों) अनुरोध करती है कि वो राजमार्गों को बंद न करें, जो राज्य के लिए जीवन रेखा हैं।' हरपाल चीमा कहते हैं- 'पंजाब में दो प्रमुख सड़कें बंद होने से पंजाब के व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा राज्य के युवाओं को रोजगार देने की हमारी प्रतिबद्धता तभी सफल हो सकती है, जब राज्य में व्यापार सुचारू रूप से चले।'

श्री आनंदपुर साहिब से AAP सांसद मालविंदर सिंह कहते हैं- 'केंद्र से संबंधित मांगों को लेकर किसानों की तरफ से लंबे समय से पंजाब की राज्य सीमाएं बंद रखने के कारण पंजाब को भारी आर्थिक और सामाजिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों से अपील है कि वो पंजाब की सीमाएं खोलने में सहयोग करें, ताकि पंजाब में निवेश के अधिक अवसर खुलें और रोजगार तथा पर्यटन क्षेत्र में वृद्धि के माध्यम से पंजाब में प्रगति हो।'

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ऐसे ही AAP के कई नेताओं के बयान हैं, जिनमें पंजाब के व्यापार और कामकाज के नुकसान की बात है। हालांकि इसको समझना होगा कि किसान पिछले एक साल से अधिक समय से यहां बैठे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी की तरफ से पहले इस तरह की बात कभी नहीं कही गई। बहरहाल, इन बयानों से क्या ये मान लिया जाए कि पंजाब की आर्थिक स्थिति भी कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल के जैसी हो चली है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 20 March 2025 at 16:29 IST