अपडेटेड 29 June 2025 at 15:01 IST
Puri Rath Yatra Stampede: मृतकों को 25 लाख के मुआवजे का ऐलान, तत्काल हटा दिए गए जिला कलेक्टर और SP
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान रविवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद बड़ा एक्शन हुआ है। सीएम के आदेश के बाद जिला कलेक्टर और SP का तबादला कर दिया गया है।
- भारत
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ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान रविवार हुए भगदड़ की घटना के बाद राज्य सरकार सवालों के घेरे में हैं। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जिसकी वजह से यह घटना हुई। हादसे पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और मुआवजे का ऐलान किया है। इसके साथ घटना के तुरंत बाद बड़ा एक्शन भी लिया गया है। पुरी जिला कलेक्टर और SP के तबादले के निर्देश दे दिए गए हैं।
रविवार को हादसा उस समय हुआ जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु रथ दर्शन के लिए गुंडिचा मंदिर के सामने एकत्रित हो गए। छुट्टी का दिन होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य से कहीं अधिक थी। मगर प्रशासन की ओर से उस लिहाज से व्यवस्था नहीं की गई थी। गुंडिचा मंदिर के सामने भारी भीड़ की वजह से धक्का-मुक्की हो गई जिसके बाद श्रद्धालु बाहर निकलने के लिए एक दूसरे पर चढ़ गए। भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि 15 श्रद्धालु घायल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद सीएम माझी ने बड़ा एक्शन लिया है।
पुरी में भगदड़ के बाद बड़ा एक्शन
पुरी रथ यात्रा भगदड़ की घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रत्येक मृतक श्रद्धालु के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। CMO की ओर से बताया गया कि मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त की देखरेख में विस्तृत प्रशासनिक जांच के आदेश दिए हैं और जिला कलेक्टर और SP के तबादले के निर्देश दिए हैं। चंचल राणा को नया जिला कलेक्टर नियुक्त किया गया है, जबकि पिनाक मिश्रा ने नए SP का कार्यभार संभाला है।
CM ने सार्वजनिक रूप से मांगी माफी
इससे पहले सीएम मोहन चरण माझी ने घटना पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। उन्होंने X पोस्ट में लिखा, "व्यक्तिगत रूप से, मेरी सरकार और मैं सभी जगन्नाथ भक्तों से क्षमा मांगते हैं। हम अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। यह लापरवाही अक्षम्य है। सुरक्षा चूक की तत्काल जांच की जाएगी, और मैंने निर्देश दिया है कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।"
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कैसे हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया। सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी। VIP के लिए नया रास्ता बनाया गया था और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने के लिए कहा गया था। लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिससे भीड़ बढ़ गई। यह घटना शरधाबली के पास, श्रीगुंडिचा मंदिर के सामने उस वक्त हुई जब रथ पर विराजमान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भारी भीड़ जमा थी।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 29 June 2025 at 15:01 IST