अपडेटेड May 5th 2025, 14:07 IST
हरियाणा और पंजाब के बीच लंबे से जल विवाद चल रहा है और इसका समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। दोनों राज्यों के बीच भाखड़ा बांध के पानी के बंटवारे को लेकर चल रहे विवाद में बयानबाजी तेज हो गई है। इधर हरियाणा सरकार अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है। केंद्र सरकार के कहने के बावजूद भी पंजाब पानी देने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हरियाणा को पानी देने से साफ मना कर दिया है।
पंजाब-हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद का फिलहाल कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है। दोनों और से इस विवाद पर सियासी बयानबाजी जारी है। मामला इतना तूल पकड़ लिया कि सोमवार को पंजाब विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र इस मुद्दे को लेकर बुलाया गया। इसमें हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने की सिफारिश के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा सकता है। CM भगवंत मान को विपक्ष का भी समर्थन मिलने की उम्मीद है।
वहीं, सत्र के शुरुआत से पहले हरियाणा-पंजाब जल मुद्दे पर पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा,"पानी का कोई विवाद नहीं है कानूनी तौर पर यह पंजाब के पक्ष में है। हमने जितना पानी उनको 1 साल के लिए दिया था वो वही पानी 10 महीने में उपयोग कर दो महीने का पानी फालतू और मांग रहे हैं...पंजाब का पानी हम खुद भी इस्तेमाल कर रहे हैं हमारे पास फालतू पानी नहीं है।"
CM भगवंत मान ने आगे कहा कि हरियाणा की तरफ से बार-बार कहा जा रहा है कि पहले हमें पानी मिलता आ रहा है, मगर मैं कहना चाहता हूं कि अब पहले वाली बात नहीं है। जब हमनें शपथ ली थी 16 मार्च 2022 को, तब 21 से 22 फीसदी पानी खेतों के लिए इस्तेमाल करते थे। अब हम खेतों के लिए यही पानी का इस्तेमाल 60 फीसदी करने लगे हैं। पानी की पाइप से लेकर नहरों तक को पुनर्जीवित किया। हमारे पास खुद पानी का उपयोग बढ़ गया है और हमारे पास फालतू पानी नहीं है हरियाणा को देने के लिए।
पब्लिश्ड May 5th 2025, 14:07 IST