अपडेटेड 1 August 2024 at 18:18 IST
Presidency University: कुलपति का घेराव 20 घंटे बाद समाप्त, फीस वृद्धि का फैसला वापस
एक अधिकारी ने पुष्टि की कि फीस वृद्धि 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए लागू नहीं की जाएगी, लेकिन उन्होंने अगले शैक्षणिक वर्ष के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया।
- भारत
- 2 min read

प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में प्राधिकारियों की ओर से शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए प्रस्तावित शुल्क वृद्धि को लागू नहीं करने का लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद छात्रों ने 20 घंटे से जारी कार्यवाहक कुलपति निर्मल्य नारायण चक्रवर्ती के घेराव को वापस ले लिया। घेराव समाप्त करने के बाद आंदोलनकारी छात्रों के प्रवक्ता बितान इस्लाम ने कहा कि अधिकारियों ने छात्रों की इस मांग पर सहमति जताई है कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में नए छात्रों के लिए प्रस्तावित शुल्क वृद्धि लागू नहीं होगी।
छात्र प्रस्तावित फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन…
छात्र प्रस्तावित फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इसके तहत स्नातक स्तर पर शुल्क 4205 रुपये से बढ़कर 7,200 रुपये और स्नातकोत्तर स्तर पर 4300 रुपये से बढ़ाकर 7200 रुपये किया जाना था। हालांकि, विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि फीस वृद्धि 2024-25 शैक्षणिक वर्ष के लिए लागू नहीं की जाएगी, लेकिन उन्होंने अगले शैक्षणिक वर्ष के बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया। इस्लाम ने भविष्य में फीस बढ़ोतरी के प्रस्ताव रखने से पहले ही छात्रों से सलाह लेने पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय छात्रों पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना वित्तीय क्षमता बनाए रखने के लिए धन अर्जित करने के वैकल्पिक तरीकों पर विचार कर सकता है।
इस्लाम ने कहा, ‘‘हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर अधिकारी 2025-26 में फिर से फीस वृद्धि का प्रस्ताव लेकर आते हैं, तो छात्रों से परामर्श किया जाना चाहिए और हम अपने विचार सामने रखेंगे। वित्तीय क्षमता के लिए, प्रेसिडेंसी के अधिकारी छात्रों पर जिम्मेदारी डाले बिना वैकल्पिक तरीकों से धन जुटा सकते हैं।’’ इस बीच स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने कहा कि वह प्रवेश परीक्षाओं की वरीयता सूची प्रकाशित करने और ऑफला
Advertisement
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 1 August 2024 at 18:18 IST