अपडेटेड 31 March 2025 at 14:47 IST

शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी के मामले में प्रशांत कोरटकर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

कोल्हापुर की एक सत्र अदालत ने पूर्व पत्रकार प्रशांत कोरटकर को छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी के खिलाफ ‘‘आपत्तिजनक’’ भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

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Prashant Koratkar sent to 14 days judicial custody
Prashant Koratkar sent to 14 days judicial custody | Image: PTI

कोल्हापुर की एक सत्र अदालत ने पूर्व पत्रकार प्रशांत कोरटकर को छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी के खिलाफ ‘‘आपत्तिजनक’’ भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। नागपुर निवासी कोरटकर को 24 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त होने पर रविवार को उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया। चूंकि पुलिस ने कोरटकर की आगे की हिरासत के लिए ज्यादा जोर नहीं दिया इसलिए अदालत ने पूर्व पत्रकार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कारणों से उन्हें कोल्हापुर की कलंबा जेल में एक अलग कोठरी में रखा जाएगा। अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरटकर को अदालत में पेश करने का फैसला किया था, क्योंकि 24 मार्च को अदालत परिसर से बाहर ले जाते समय उनके साथ बदसलूकी की गई थी। इसके अलावा, 28 मार्च को एक वकील ने अपशब्द कहे थे। हालांकि पुलिस के अनुसार उन पर किसी तरह का शारीरिक हमला नहीं हुआ। कोरटकर और कोल्हापुर के इतिहासकार इंद्रजीत सावंत के बीच हुई ऑडियो बातचीत के आधार पर उनके खिलाफ 26 फरवरी को मामला दर्ज किया गया था जिसके बाद 24 मार्च को उन्हें तेलंगाना से गिरफ्तार कर लिया गया।

कोरटकर पर आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

इस बातचीत के दौरान कोरटकर ने कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे सावंत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद व्यापक आक्रोश फैल गया और कोरटकर की गिरफ्तारी की मांग की गई। समूहों के बीच कथित तौर पर नफरत या दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय न्याय संहिता के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इससे पहले, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीवी कश्यप ने उन्हें एक मार्च तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था, जिसके बाद कोल्हापुर पुलिस ने इस अंतरिम संरक्षण को रद्द करने की मांग करते हुए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था।

उस समय बंबई उच्च न्यायालय ने कोल्हापुर सत्र न्यायालय से मामले की सुनवाई करने को कहा था। 18 मार्च को कोल्हापुर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी.वी. कश्यप की अदालत ने कोरटकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिससे उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया।कोरटकर ने याचिका में दावा किया था कि उनके फोन और ऑडियो से छेड़छाड़ की गई थी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 31 March 2025 at 14:47 IST