अपडेटेड 28 February 2025 at 17:56 IST

बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ज्ञानेश कुमार पर ममता की टिप्पणी को लेकर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा

सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि पार्टी ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी।

Follow : Google News Icon  
BJP leader Suvendu Adhikari and WB CM Mamata Banerjee
बंगाल के नेता प्रतिपक्ष ने ज्ञानेश कुमार पर ममता की टिप्पणी को लेकर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा | Image: ANI

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार की ईमानदारी पर सवाल उठाया है और उन्होंने इस मामले पर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है। बीजेपी नेता ने कहा कि किसी अधिकारी की ईमानदारी पर सवाल नहीं उठाया जा सकता यदि उसने अपनी नौकरी के तहत किसी विशेष विभाग या मंत्रालय में काम किया हो। अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने (बनर्जी ने) राज्य में सभी संवैधानिक निकायों को निष्क्रिय कर दिया है और अब मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति पर सवाल उठा रही हैं, जो पारदर्शी तरीके से की गई है।'

पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को एक अन्य पत्र सौंपने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अधिकारी ने दावा किया कि बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कुमार की ईमानदारी पर सवाल उठाया है। बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी संवैधानिक निकाय पर प्रभाव डालने का प्रयास कर रही है। यहां नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने बीजेपी पर निर्वाचन आयोग के कथित समर्थन से अन्य राज्यों के फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने का भी आरोप लगाया।


मुख्यमंत्री ने सभी पर निराधार आरोप लगाए हैंः सुवेंदु अधिकारी

सुवेंदु अधिकारी ने दावा किया कि पार्टी ने दिल्ली और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के लिए भी इसी तरह की रणनीति अपनाई थी। अधिकारी ने कहा कि प्रभारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष यह मांग भी रखी गई है कि जिलों में सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक डिजिटल कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए और उन्हें आश्वस्त किया जाए कि वे बिना किसी डर के स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं। बीजेपी नेता ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त रिटर्निंग अधिकारियों और अन्य निर्वाचन अधिकारियों की ईमानदारी के बारे में निराधार आरोप लगाए हैं।' विपक्ष के नेता ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया से संबंधित मामलों में निर्वाचन आयोग सर्वोच्च प्राधिकारी है और जिलों में सभी अधिकारियों को निडरता और ईमानदारी से काम करना चाहिए।


बीजेपी नेताओं ने सौंपा ज्ञापन

तृणमूल प्रमुख द्वारा पार्टी नेताओं से मतदाता सूचियों का सत्यापन करने को कहने पर अधिकारी ने कहा कि किसी राजनीतिक दल को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए बनर्जी ने तृणमूल नेताओं और कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची का भौतिक सत्यापन शुरू करने का निर्देश दिया और आरोप लगाया कि बीजेपी ने भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के समर्थन से इसमें हेरफेर किया है। अधिकारी के नेतृत्व में राज्य बीजेपी नेताओं ने शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को इस मुद्दे पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त को संबोधित एक लिखित ज्ञापन सौंपा।

Advertisement


आयोग को बारीकी से निगरानी करनी चाहिएः बीजेपी

बीजेपी नेताओं ने ज्ञापन में मांग की कि आयोग को बारीकी से निगरानी करनी चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतदाता सूचियों से जुड़ी किसी भी गतिविधि में किसी आउटसोर्स एजेंसी का उपयोग न किया जाए। उन्होंने कहा, 'हमने सीईओ से कहा है कि किसी भी हिंदी भाषी या मतुआ समुदाय के नागरिक का नाम अवैध रूप से मतदाता सूची से नहीं हटाया जाना चाहिए।' उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल एक लघु भारत है और देश के सभी हिस्सों के लोग राज्य में रहते हैं। बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची में 16 लाख नागरिकों के नाम दोहरी प्रविष्टियां हैं। उन्होंने मांग की कि इन प्रविष्टियों को तत्काल ठीक किया जाए।

यह भी पढ़ेंः उद्धव पर क्यों भड़के एकनाथ शिंदे, कहा उनके पापों को धोने महाकुंभ...

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 28 February 2025 at 17:56 IST