अपडेटेड 3 April 2025 at 00:58 IST
Waqf Amendment Bill: 'इस विधेयक का मकसद मुसलमानों को...',असदुद्दीन ओवैसी बोले - मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं
ओवैसी ने कहा कि ये विधेयक सिर्फ मुसलमानों को जलील करने के लिए लाया जा रहा है। BJP इस विधेयक की मदद से मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को खत्म कर रही है
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Asaduddin Owaisi on Waqf Bill: लोकसभा में बुधवार को केंद्रीय मंत्री किरेन रीजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया। इस विधेयक में 1995 के वक्फ अधिनियमों को लेकर व्यापक बदलाव करने का प्रस्ताव है। एक ओर जहां केंद्र सरकार इस विधेयक को लोकसभा में पारित कराने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई दे रही है, तो वहीं विपक्ष ने इस विधेयक को असंवैधानिक कहकर नकार दिया है। विपक्ष इस विधेयक के विरोध में है और विपक्षी नेता लगातार लोकसभा में इस विधेयक का विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं इस बीच हैदराबाद से सांसद और एएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस विधेयक पर अपनी राय दी है। असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली है। ओवैसी ने इस विधेयक को मुसलमानों के सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक अधिकारों पर सीधा हमला बोलने वाला बताया है। ओवैसी ने इस विधेयक को संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 का सीधा उल्लंघन करार दिया है।
ओवैसी ने कहा कि ये विधेयक सिर्फ मुसलमानों को जलील करने के लिए लाया जा रहा है। बीजेपी इस विधेयक की मदद से मुसलमानों की धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को खत्म करने की साजिश रच रही है। ओवैसी ने सरकार के इस विधेयक पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा, 'हिंदू, सिख, बौद्ध और जैन समुदायों की धार्मिक संपत्तियों को संरक्षण प्राप्त है, लेकिन मुस्लिम वक्फ की संपत्तियों को इस विधेयक के माध्यम से सरकार जब्त करना चाहती है।' ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार मुसलमानों की आर्थिक, शैक्षणिक प्रगति को रोकने के लिए मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को इसलिए कमजोर कर रही है। ओवैसी ने बताया कि साल 2007 की सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में ये बताया गया था कि सिर्फ दिल्ली में 123 वक्फ संपत्तियों की बाजार कीमत 6000 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब सरकार इन संपत्तियों को हड़पने के लिए नए कानून बना रही है।
इस बिल में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हननः ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर इस विधेयक के लाने के पीछे मुसलमानों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित करने की मंशा बताई है। ओवैसी ने अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 26 (धार्मिक संस्थानों के संचालन का अधिकार) का हवाला देते हुए कहा कि इस विधेयक से मुसलमानों को उनके धार्मिक संस्थानों पर प्रशासनिक अधिकार से वंचित करने की साजिश सरकार रच रही है। ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से वक्फ संपत्तियों पर कब्जे को कानूनी मान्यता मिल जाएगी। ओवैसी ने इस बिल के लागू होने के बाद का एक उदाहरण देते हुए कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने वक्फ संपत्ति पर कब्जा कर लिया, तो सरकार इस पर लिमिटेशन एक्ट लागू करेगी, जिससे रातों-रात अतिक्रमणकर्ता उस संपत्ति का कानूनी मालिक बन जाएगा। ओवैसी ने इसे न्याय के खिलाफ बताया और कहा कि ये विधेयक अतिक्रमण करने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
ओवैसी का विधेयक को फाड़ने का ऐलान
ओवैसी ने इस दौरान अपने संबोधन के अंत में महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए दक्षिण अफ्रीका के नस्लवादी कानून के खिलाफ जिस तरह से गांधी जी ने अस्वीकार किया था, वही उदाहरण देते हुए ओवैसी ने कहा कि मैं भी इस विधेयक को खारिज करता हूं। ओवैसी ने कहा कि यह विधेयक असंवैधानिक है और मैं इसे संसद में ही फाड़कर विरोध दर्ज कर रहा हूं। ये कहते हुए ओवैसी ने वक्फ बिल की प्रति का पंच खीचकर निकाल दिया। ओवैसी ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह धार्मिक ध्रुवीकरण करके देश में मंदिर-मस्जिद के नाम पर संघर्ष भड़काना चाहती है। ओवैसी ने इस दौरान अपने 10 संशोधन प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत किए और मांग की कि सरकार इन प्वाइंट्स पर भी विचार करे।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 3 April 2025 at 00:58 IST