अपडेटेड 4 March 2025 at 11:19 IST

'ऐसे लोगों की यही दवाई...', Mayawati के Akash Anand को पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाने पर बोले OP Rajbhar

मायावती के भतीजे आकाश आनंद पर लिए गए फैसले को लेकर यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि ऐसे लोगों की यही दवाई है।

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OP Rajbhar on Mayawati decision
OP Rajbhar on Mayawati decision | Image: ani

OP Rajbhar on Mayawati Decision: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बड़ा एक्शन लेते हुए अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। इतना ही नहीं, उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया। इसके बाद से बसपा चीफ के इस फैसले की चर्चा हो रही है। मायावती के इस कदम पर यूपी सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाएगा उसे स्वाभाविक है पद से हटा दिया जाएगा। ऐसे लोगों की यही दवाई है।

पिछले कुछ सालों में मायावती ने दूसरी बार अपने भतीजे आकाश आनंद के खिलाफ कार्रवाई की है। उन्होंने सोमवार, (3 मार्च) को आकाश आनंद को पार्टी से निष्कासित कर दिया। इससे पहले मायावती ने रविवार, (2 मार्च) को आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपने उत्तराधिकारी समेत सभी पदों से हटा दिया था।

मायावती ने अच्छा किया, ऐसे लोगों की यही दवाई- राजभर

बसपा प्रमुख के इस फैसले पर ओम प्रकाश राजभर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जब जिस पद की जिम्मेदारी जिसे दी जाती है और वे उसे पूरा नहीं कर पाता है तो उसे हटाया ही जाता है। पार्टी को तोड़ने और खत्म करने की साजिश तमाम विरोधियों की ओर से होती रहती है। जो व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह नहीं करेगा उसे स्वाभाविक है पद ये हटा दिया जाएगा। मायावती ने अच्छा किया है। ऐसे लोगों की यही दवाई है।'

...तो प्रधानमंत्री पद की दावेदार होतीं- मौर्य

इससे पहले राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) के प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर मायावती बाबा साहब के सामाजिक आंदोलन पर चलतीं तो शायद वो प्रधानमंत्री पद की दावेदार होतीं।

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स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, 'बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती हैं और पार्टी की कौन सी जिम्मेदारी किसे देनी है स्वाभाविक रूप से यह उनके अधिकार क्षेत्र का मामला है। हालांकि आकाश आनंद को पहले भी वे जिम्मेदारियों से मुक्त कर चुकी हैं। यह उनका (मायावती) अपना क्रियाकलाप है। आज बसपा का बाबा साहब के मिशन से कोई नाता नहीं रह गया है। आज मायावती अगर बाबा साहब के सामाजिक आंदोलन पर चल रही होतीं तो शायद आज वे प्रधानमंत्री पद की दावेदारी भी कर सकती थीं। लेकिन आज वे एक-एक विधायक के लिए तरस रही हैं।'

नाराजगी की अटकलें उसी समय से लगी जब...

बता दें कि अपने भतीजे से मायावती की नाराजगी की अटकलें उसी समय लग रही थीं, जब आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाया गया। मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से रविवार को मुक्त करते हुए कहा कि अब उनकी आखिरी सांस तक पार्टी में उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। 

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 4 March 2025 at 11:19 IST