अपडेटेड 7 July 2024 at 11:11 IST
7 MLA, 6 MLC और राज्यसभा MP केशव राव तक... 5 महीने में बिखर गई केसीआर की पार्टी BRS
केसीआर की पार्टी भारत राष्ट्र समिति को छोड़कर 7 विधायक और 6 विधान परिषद सदस्य सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। पिछले दिनों केशव राव ने भी इस्तीफा दिया।
- भारत
- 4 min read

तेलंगाना विधानसभा चुनावों में पिछले साल हार मिलने के बाद से के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एकजुट रखने की कोशिशों के बावजूद इसके सात विधायक और छह विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इनके अलावा बीआरएस के राज्यसभा सदस्य के. केशव राव, उनकी बेटी और हैदराबाद की महापौर विजया लक्ष्मी आर गडवाल सहित कई अन्य नेता भी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। केशव राव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस और भाजपा विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में अपनी बढ़त को मजबूत करने की कोशिश में हैं, वहीं बीआरएस को अपने नेताओं के पार्टी छोड़ने के कारण खुद को फिर से मजबूत करने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और उन्हें आश्वासन दे रहे हैं कि पार्टी वापसी करेगी, क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) ‘‘अपनी लोकप्रियता तेजी से खो रही है।’’
दानम नागेंद्र से शुरू हुई थी BRS में भगदड़
नेताओं के बीआरएस छोड़ने का सिलसिला खैरताबाद से पार्टी विधायक दानम नागेंद्र के मार्च में कांग्रेस में शामिल होने से शुरू हुआ था। बीआरएस को झटका देते हुए पार्टी के विधायक बी कृष्ण मोहन रेड्डी शनिवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए। विधायकों के अलावा बीआरएस के छह विधान पार्षद भी बृहस्पतिवार देर रात सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि आने वाले दिनों में बीआरएस के और विधायक सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव की स्थिति
पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में बीआरएस ने कुल 119 विधानसभा क्षेत्रों में से 39 पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस 64 सीट जीतकर सत्ता में आई थी। सिकंदराबाद छावनी से बीआरएस विधायक जी लस्या नंदिता की इस साल की शुरुआत में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद सिकंदराबाद छावनी विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की, जिससे उसके विधायकों की संख्या बढ़कर 65 हो गई। बीआरएस के सात विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद कांग्रेस विधायकों की संख्या 71 हो गई है। बीआरएस के एमएलसी के कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही 40 सदस्यीय विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है।
Advertisement
BRS ने साजिश के आरोप लगाए
बीआरएस ने आरोप लगाया है कि साजिश के तहत विधायकों का दलबदल कराया गया और विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की है। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव ने विधायकों के दलबदल को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला किया और उनसे सवाल किया कि क्या यही संविधान की रक्षा करने का तरीका है।
Advertisement
रामा राव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बीआरएस सांसद केशव राव ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया। उनके फैसले का स्वागत है। उस बीआरएस विधायक का क्या हुआ, जिसने दलबदल कर कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा? बीआरएस के आधा दर्जन अन्य विधायकों का क्या हुआ, जो कांग्रेस में शामिल हो गए?’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी, क्या आप संविधान की रक्षा इसी तरह करेंगे? यदि आप बीआरएस विधायकों का इस्तीफा नहीं दिला सकते, तो राष्ट्र कैसे विश्वास करेगा कि आप कांग्रेस घोषणापत्र के अनुसार 10 संशोधनों के लिए प्रतिबद्ध हैं? यह कैसा न्याय पत्र है?’’
कांग्रेस ने BRS पर पलटवार किया
कांग्रेस के विधान पार्षद और पार्टी की प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने बीआरएस पर पलटवार करते हुए कहा कि बीआरएस (तत्कालीन टीआरएस) जब सत्ता में थी, तब उसी ने दलबदल को बढ़ावा दिया था (बीआरएस ने 2019 में 12 कांग्रेस विधायकों को पार्टी में शामिल किया था)। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बीआरएस अब दलबदल के बारे में कैसे बात कर सकती है और क्या बीआरएस ने दलबदल करने वाले नेताओं से इस्तीफा दिलवाया था।
लोकसभा चुनावों में BRS को मिली मात
हालिया लोकसभा चुनावों में बीआरएस को करारी हार का सामना करना पड़ा और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई। कांग्रेस और भाजपा ने तेलंगाना की कुल 17 लोकसभा सीट में से आठ-आठ सीट जीतीं। वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी हैदराबाद सीट बरकरार रखी।
(PTI की इस खबर में सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया गया है)
Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 7 July 2024 at 11:11 IST