अपडेटेड 19 December 2024 at 20:17 IST

'शिवसेना और आरएसएस हिंदुत्व के समान सूत्र से बंधे हुए, लेकिन वैचारिक रूप से अलग', बोले संजय राउत

संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अविभाजित शिवसेना भले ही हिंदुत्व के समान सूत्र से बंधे हुए हैं, लेकिन उनकी विचारधाराएं हमेशा अलग रही हैं।

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Sanjay Raut
संजय राउत | Image: x

Sanjay Raut:  शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और अविभाजित शिवसेना भले ही हिंदुत्व के समान सूत्र से बंधे हुए हैं, लेकिन उनकी विचारधाराएं हमेशा अलग रही हैं।

नयी दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में राउत ने कहा कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे पर 1975 में कांग्रेस में पार्टी का विलय करने का दबाव डाला गया था, लेकिन उन्होंने इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के ऐसे प्रयासों को नाकाम कर दिया।

उन्होंने कहा, "आरएसएस और शिवसेना भले ही हिंदुत्व के समान सूत्र से बंधे हुए हैं, लेकिन उनकी विचारधाराएं हमेशा अलग रही हैं।"

राउत महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नागपुर में आरएसएस संस्थापक डॉ. के बी हेडगेवार के स्मारक का दौरे करने से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि संघ परिवार और शिवसेना की विचारधारा एक समान थी। शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का भाजपा में विलय होना चाहिए।

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शिवसेना (अविभाजित) के भाजपा और संघ परिवार के साथ अच्छे संबंध थे। हालांकि, 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर मतभेद के कारण पार्टी ने भाजपा से नाता तोड़ लिया। जून 2022 में शिंदे के पार्टी नेतृत्व से बगावत करने के बाद शिवसेना दो फाड़ हो गई। शिंदे नीत गुट ने बाद में भाजपा से हाथ मिला लिया। इसी के साथ शिंदे राज्य के मुख्यमंत्री पद पर काबिज हो गए।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 19 December 2024 at 20:17 IST