अपडेटेड 5 July 2025 at 18:12 IST
Maharashtra Language Dispute : महाराष्ट्र में भाषा को लेकर फसाद जारी है। मुंबई में शनिवार को भी भाषा के नाम पर गुंडागर्दी की गई। दिग्गज इन्वेस्टर सुशील केडिया के दफ्तर पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने पथराव और तोड़फोड़ किया। इस दौरान वहां मौजूद कुछ सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन खुदको MNS कार्यकर्ता बताने वाले गुंडे नहीं माने। उन्होंने पत्थर फेंके और नारेबाजी की।
सुशील केडिया के दफ्तर पर हुआ यह पथराव उस मुहिम का हिस्सा है, जो मुंबई में रहने वाले सभी लोगों को मराठी बोलने के लिए मजबूर करती है। कारोबारी केडिया ने इस मुहिम का विरोध किया था। जिसके बाद उनके दफ्तर पर भी तोड़फोड़ कर शक्ति प्रदर्शन की कोशिश की गई। तोड़फोड़ के दौरान दफ्तर में मौजूद एक शख्स ने शटर गिरा दिया, जिससे पथराव करने वाले अंदर ना घुस पाएं।
यह विवाद तब शुरू हुआ, जब मुंबई के मीरा रोड इलाके में एक कारोबारी की पिटाई की गई थी। कारोबारी की गलती इतनी थी कि उसे मराठी नहीं आती थी। MNS कार्यकर्ताओं ने दुकानदार को कई थप्पड़ मारे और अपनी इस करतूत का वीडियो भी बनाया। कारोबारी की पिटाई के बाद मुंबई के कारोबारियों ने इस घटना का तीखी प्रतिक्रिया दी थी। कारोबारी सुशील केडिया ने सोशल मीडिया पर इस घटना का विरोध किया था और मराठी ना सीखने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था-
"मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मैं ठीक से मराठी नहीं जानता। आप लोगों के इस बर्ताव के कारण, मैंने यह संकल्प लिया है कि अब मैं मराठी नहीं सीखूंगा।"
दावा किया जा रहा है कि सुशील केडिया के इस ऐलान के बाद ही केडिया के दफ्तर पर कुछ लोगों ने पथराव किया गया। हालांकि, अब हमले के बाद सुशील केडिया के भी सुर बदल गए हैं। केडिया ने राज ठाकरे से यह मामला खत्म करने की अपील की है।
MNS कार्यकर्ताओं की इस गुंडागर्दी का महाराष्ट्र से लेकर बिहार और यूपी तक विरोध हो रहा है। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने राज ठाकरे को खुली चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे दादागिरी कर रहे हैं, उन्हें जेल में डालो। राज ठाकरे को थप्पड़ का जवाब थप्पड़ से मिलेगा। रामदास अठावले ने मांग की है कि देश में हिंदी भाषा का अपमान करने वालों पर राजद्रोह का केस लगना चाहिए। अठावले ने कहा-
"यह दादागिरी महाराष्ट्र में नहीं चलेगी। महाराष्ट्र में कानून का राज चलेगा, किसी की दादागिरी नहीं। राज ठाकरे अपने कार्यकर्ताओं को कैसे बोल रहे हैं कि थप्पड़ मारो? जितने भी लोग दादागिरी कर रहे हैं उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हिंदी भाषी लोगों को मारा जा रहा है, ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश कि भाषा हिंदी का अपमान नहीं होने दिया जाएगा।"
रामदास आठवले ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने पर कहा कि दोनों भाइयों के साथ आने से महाराष्ट्र में कुछ भी फर्क नहीं पड़ेगा। दोनों भाईयों की पार्टी खत्म होने की कगार पर है और आने वाले महा नगर पालिका चुनाव को देखते हुए दोनों साथ आए हैं।
पब्लिश्ड 5 July 2025 at 18:12 IST