अपडेटेड 27 February 2024 at 12:33 IST

राज्यसभा चुनाव: कौन हैं संजय सेठ? जिन्हे BJP ने 8वें उम्मीदवार के रूप में उतारा तो करानी पड़ी वोटिंग

यूपी में राज्यसभा चुनाव में खेला हो गया है। बीजेपी ने सपा की उम्मीदों पर जोर का प्रहार किया। संजय सेठ को ऐन मौके पर उतार कर चौंका दिया।

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Sanjay Seth files nomination for Rajya Sabha
संजय सेठ ने सपा का बिगाड़ा खेल! | Image: X- @BJP4UP

Rajyasabha Election Update:  संजय सेठ बीजेपी का सरप्राइज एलिमेंट हैं।  जो उन 11 प्रत्याशियों में शामिल हैं जिन्हें यूपी से राज्यसभा के चुनावी समर में उतारा गया है। तय माना जा रहा था कि भाजपा के 7 और सपा के दो उम्मीदवार की जीत पक्की होगी लेकिन पेच फंसा दिया भाजपा के 8वें उम्मीदवार ने। अब मुकाबला संजय सेठ और सपा के तीसरे प्रत्याशी आलोक रंजन के बीच होना है।

संजय सेठ वो हैं जो कभी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खासमखास हुआ करते थे।

सेठ ने सपा से बीजेपी में यूं मारी एंट्री

संजय सेठ एक विख्यात बिजनेसमैन हैं। 2019 से बीजेपी के हैं इससे पहले मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबियों में गिने थे और फिर इनकी गिनती अखिलेश यादव के खास सिपहसालार के तौर पर रही। सपा में पार्टी कोषाध्यक्ष भी रहे और 2016 में राज्यसभा सांसद रहे। लेकिन 2019 में बीजेपी का दामन थाम राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी। लेकिन फिर बीजेपी ने उनको वापस राज्यसभा भेजा। तो इस तरह वो 2016 से 2022 तक राज्यसभा सांसद रहे। जिसके बाद अब 2024 में उन्हें मौका दिया गया है। सूत्रों की मानें तो उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को वोटों का जुगाड़ कर लेने का भरोसा दिलाया है।

वोटिंग की जरूरत क्यों?

BJP के सेठ ने ही सपा का खेल बिगाड़ दिया। 2 के बाद तीसरी सीट पर भी सपा आश्वस्त थी। लेकिन बीजेपी ने 7वें के बाद 8वें प्रत्याशी का दांव खेल सबको चौंका दिया। असल में, विधानसभा में भाजपा के 252 विधायक हैं। बाकी 34 विधायक उसकी सहयोगी पार्टियों (एनडीए) के। 2 विधायक राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल के भी हैं जिन्होंने भाजपा कैंडिडेट पर मुहर लगाने की बात कह दी है। इन्हें जोड़ बीजेपी के पास 288 विधायक हैं।  बीजेपी को आठों उम्मीदवार जिताने के लिए 296 विधायक चाहिए।

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वहीं, सपा को अपने तीनों उम्मीदवार जिताने के लिए 111 वोटों की जरूरत है। सपा के पास अपने 108 विधायक हैं। जिसमें कांग्रेस के 2 और बसपा का 1 विधायक शामिल है। लेकिन सपा विधायक इरफान सोलंकी जेल में हैं और वो वोट नहीं डाल सकेंगे इसके अलावा जिस तरह पल्लवी पटेल और सपा के 8 विधायक सपा प्रमुख की डिनर डिप्लोमेसी का हिस्सा नहीं बने।

मनोज पाण्डेय का इस्तीफा, अखिलेश का ताना...

राज्यसभा की वोटिंग के बीच तीन ऐसी खबरें आईं जो सपा के लिए जोर का झटका है तो बीजेपी के लिए फायदे का सबब। पल्लवी पटेल की अखिलेश संग फोन पर तीखी बहस, मनोज पाण्डेय का सचेतक पद से इस्तीफा और फिर अखिलेश यादव का संकेत। सपा प्रमुख ने भाजपा पर तंज कसा और साथ ही कहा कि जिसको लाभ मिलना होगा वो जाएंगे। ये ऐन वोटिंग डे की ऐसी घटनाएं हैं जो सपा की उम्मीदों पर पानी फेरते हैं। क्रॉस वोटिंग की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। 
 

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 27 February 2024 at 12:25 IST