अपडेटेड 18 July 2025 at 23:31 IST
मुंबई आओ समुंदर में डुबो कर मारेंगे...निशिकांत दुबे के पटक कर मारुंगा वाले बयान पर राज ठाकरे का पलटवार, बोले- रास्ते पर हमारी सरकार
राज ठाकरे ने कहा कि दुबे ने क्या बोला था? मराठी लोगों को पटक पटक के मारेंगे। हिंदी चैनल्स ने नहीं चलाया! तू हमें पटक पटक के मारेगा?? निशिकांत दुबे को मैं बोलता हूं, दुबे, तुम मुंबई में आ जाओ, मुंबई के समुंदर में ‘दुबे डूबे’ कर मरेंगे! सरकार इन्हें बचा रही है।
- भारत
- 3 min read

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र में जितने भी नेता हैं उन सबसे अच्छी हिंदी मेरी है। मेरे पिताजी को उत्तम इंग्लिश, उत्तम हिंदी, और उत्तर मराठी, उर्दू भी आती थी। ये लोग यहां आकर अपनी जनसंख्या बढ़ाते हैं, मतदारसंघ बनाते हैं और धीरे-धीरे इसे गुजरात लेकर जाने के लिए कर रहे हैं। फिर आपसे कहेंगे कि हमारा इलाका है, हमारा मतदार संघ है।
उन्होंने कहा कि मैं यहां कोई भाषा विवाद करने नहीं आया हूं। सतर्क रहिए, आपके साथ कुछ भी हो सकता है। मैं हिन्दू हूं लेकिन हिंदी मुझ पर थोपी नहीं जा सकती। इस प्रांत पर किसी का अधिकार है तो वो हमारा है। तुम ही इस महाराष्ट्र के बेटे हो, ये सब बाहर से आए हैं। अगर कोई आकर ज्यादा करेगा तो उसे मारने का मतलब मारने का।
निशिकांत दुबे पर राज ठाकरे का पलटवार
राज ठाकरे ने कहा कि दुबे ने क्या बोला था? मराठी लोगों को पटक पटक के मारेंगे। हिंदी चैनल्स ने नहीं चलाया! तू हमें पटक पटक के मारेगा?? निशिकांत दुबे को मैं बोलता हूं, दुबे, तुम मुंबई में आ जाओ, मुंबई के समुंदर में ‘दुबे डूबे’ कर मरेंगे! सरकार इन्हें बचा रही है। तुम्हारी सरकार लोकसभा और विधानसभा में रहेगी, हमारी सरकार रस्ते पर रहेगी। अगर किसी ने मराठी भाषा की इज्जत नहीं की तो उसके हम गाल और हाथ दोनों लाल करेंगे।
Advertisement
चाहे रिक्शा, ऑफिस, दुकान हमेशा मराठी में ही बात करिए- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने कहा कि मराठी भाषा का असर लोगों में दिख रहा है। किसी से मेरी दोस्ती हो या दुश्मनी हो, मराठी और महाराष्ट्र के लोगों के लिए मैं किसी प्रकार का गठजोड़ नहीं करूंगा। जो कोई यहां गैर-मराठी रहता हो, उनको यहीं बोलूंगा कि जल्द से जल्द मराठी बोलना सीख लो। आप कहीं भी जाएं चाहे रिक्शा, ऑफिस, दुकान हमेशा मराठी में ही बात करिए।
Advertisement
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में लोग अपनी भाषा के लिए झगड़ते हैं। उस रिक्शे वाले को पता है कि उसके पीछे सरकार खड़ी है भाषा को लेकर। वैसे ही आप भी खंभे की तरह खड़े रहिए और मराठी में ही बात करिए। यही विनती करने के लिए मैं यहां पर आया हूं।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 18 July 2025 at 23:31 IST