अपडेटेड 27 January 2025 at 23:21 IST
अंबेडकर की प्रतिमा से छेड़छाड़ पर गरमाई सियासत, केंद्रीय मंत्री अठावले ने केजरीवाल को बताया जिम्मेदार, कर डाली बड़ी मांग
BJP ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की घटना पर मान सरकार से माफी मांगने की मांग करते हुए अरविंद केजरीवाल से इस्तीफा मांगा है।
- भारत
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Ambedkar statue vandalism: 26 जनवरी को पंजाब के अमृतसर में बीआर आंबेडकर की प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ की गई थी। स्वर्ण मंदिर की ओर जाने वाली हेरिटेज स्ट्रीट पर टाउन हॉल में बीआर आंबेडकर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लेकिन प्रतिमा से छेड़छाड़ पर सियासत गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार बताया है।
भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने की घटना को दुखद करार दिया और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से पंजाब जाकर संविधान निर्माता से माफी मांगने और अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है। प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें आरोपी को एक लंबी स्टील की सीढ़ी का उपयोग करके हथौड़ा लेकर प्रतिमा पर वार करते देखा जा सकता है।
केजरीवाल और मान सरकार जिम्मेदार- अठावले
वहीं इस घटना पर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि 'स्वर्ण मंदिर के पास ही बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा है। देश के संविधान में उनका बहुत बड़ा योगदान था और उन बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा का इस तरह अपमान होना ठीक नहीं है। इसके लिए अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान की AAP सरकार जिम्मेदारी है। मेरी मांग है कि आरोपी को कठिन से कठिन सजा मिलनी चाहिए।'
'केजरीवाल मांगे षाष्टांग माफी'
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि अमृतसर में जो घटना हुई है, वह बगैर अरविंद केजरीवाल की मर्जी के नहीं हो सकती थी। बाबा साहेब के साथ बेअदबी हुई है। इसलिए, केजरीवाल को तुरंत पंजाब जाकर षाष्टांग माफी मांगनी चाहिए और तुरंत पद से इस्तीफा देना चाहिए। पंजाब प्रशासन की नाक के नीचे यह घटना हुई।'
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दलित संगठनों का विरोध प्रदर्शन
बी. आर. आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने से नाराज दलित संगठनों ने अमृतसर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मामले में कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी। दलित संगठनों के विरोध प्रदर्शन के कारण शहर में पूर्ण बंद का माहौल रहा। प्रदर्शनकारियों ने दुकानदारों को उनकी दुकानें बंद करने पर मजबूर कर दिया। शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद के लिये बाध्य किया गया। विरोध प्रदर्शन का आयोजन बाल्मीकि समाज ने किया था और इसे अलग-अलग राजनीतिक संगठनों का समर्थन भी मिला।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 27 January 2025 at 19:31 IST