अपडेटेड 15 December 2024 at 17:00 IST
'वन नेशन-वन इलेक्शन' लागू होकर रहेगा, पीएम मोदी मे देश हित में लिया फैसला- बृजभूषण शरण सिंह
One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ये देश में लागू होकर रहेगा।
- भारत
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One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि ये देश में लागू होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन आजादी के बाद जब शुरुआत हुई थी तो एक साथ इलेक्शन चलते थे लेकिन ये क्रम टूटा और ये क्रम अगर किसी ने तोड़ा और धारा 356 का दुरुपयोग सबसे ज्यादा कांग्रेस ने किया और चुनी हुई सरकारों को गिराया, जिससे निश्चित समय के अलावा अलग से इलेक्शन करने की जरूरत पड़ी।
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि शुरुआती दौर से वन इलेक्शन पूरे देश का एक साथ ही होता था। पीएम मोदी ने या भारतीय जनता पार्टी ने बहुत सोच समझकर के देश हित में उन्होंने यह फैसला किया है। इलेक्शन रोज-रोज होने से चाहे वह निकाय का चुनाव हों, चाहे विधानसभा का, वह चाहे लोकसभा का हो आचार संहिता लगती है, विकास के काम प्रभावित होते हैं और पूरी मशीनरी साल की साल चुनाव में व्यस्त रहती है।
पूर्व बीजेपी सांसद ने कहा कि कई जगह पर तो ऐसा देखा गया कि एक चुनाव के बाद दूसरा चुनाव, दूसरे चुनाव के बाद तीसरा चुनाव, 6-6, 7-7, 8-8 महीने लगातार आचार संहिता लगी रहती है। ना लोगों के भुगतान हो पाता है, ना कोई काम हो पाते हैं। यह बिल पास होकर रहेगा।
'एक देश-एक चुनाव' को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी
'एक देश-एक चुनाव' की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बड़ा कदम उठाया है। गुरुवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें 'वन नेशन वन इलेक्शन' के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। साथ ही सूत्रों ने बताया है कि इस विधेयक को जल्द संसद के पटल पर भी रखा जा सकता है।
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वर्तमान में देश के भीतर राज्यों के विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं, जबकि लोकसभा के चुनाव भी अलग समय पर होते हैं। हालांकि सरकार का उद्देश्य 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है। फिलहाल इसी से जुड़े प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक हाईलेवल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। सरकार सितंबर में रामनाथ कोविंद वाली कमेटी की सिफारिशों को स्वीकार कर चुकी है।
जल्द संसद में पेश किया जा सकता है विधेयक
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सूत्र बताते हैं कि जल्द विधेयक को संसद में पेश किया जा सकता है। सरकार विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श करने को तैयार है और उसे संसदीय समिति (JPC) को भेजा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि सरकार कमेटी के जरिए अलग-अलग राज्य विधानसभाओं के अध्यक्षों से भी परामर्श करने की इच्छुक है। पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने रामनाथ कोविंद की कमेटी की सिफारिशों का हवाला देते हुए कहा था कि प्रस्तावित विधेयकों में से एक में नियत तारीख से संबंधित उप-खंड (1) जोड़कर अनुच्छेद 82ए में संशोधन करने का प्रस्ताव है। इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को एक साथ समाप्त करने से संबंधित अनुच्छेद 82ए में उप-खंड (2) शामिल करने का भी प्रयास किया जाएगा।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 15 December 2024 at 17:00 IST