अपडेटेड 19 April 2025 at 13:59 IST

'कानून अगर सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए, वक्फ कानून पर विवाद के बीच भड़के निशिकांत दूबे

वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस के बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे ने बयान दिया है, जिसकी तेजी से चर्चा हो रही है।

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Nishikant Dubey
Nishikant Dubey | Image: Facebook

Nishikant Dubey: संसद से पारित वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने बैठा है। दो दिन सुप्रीम कोर्ट में बहस चली और कोर्ट ने 7 दिन के भीतर वक्फ कानून पर सरकार के जवाब मांग लिया। इस पर बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे ने बयान दिया है, जिसकी तेजी से चर्चा हो रही है।

वक्फ कानून पर सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट को लेकर कुछ नेताओं के बयान पहले भी आए हैं, जिनमें बीजेपी सांसद और वक्फ पर जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल भी शामिल हैं। बयानबाजियों के बीच निशिकांत दूबे ने कह डाला है कि 'कानून यदि सुप्रीम कोर्ट ही बनाएगा तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए।'

जगदंबिका पाल बोले- अगर कुछ भी असंवैधानिक तो दे दूंगा इस्तीफा

पिछले दिन वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर बीजेपी सांसद और वक्फ जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने शुक्रवार को कहा कि अगर ये पाया जाता है कि संयुक्त संसदीय समिति की ओर से बनाई गई रिपोर्ट असंवैधानिक है तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। जगदंबिका पाल ने दिल्ली में एएनआई से कहा, 'मैंने पहले भी कहा है कि अगर हमारी ओर से बनाई गई रिपोर्ट असंवैधानिक है या धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करती है तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।' उन्होंने विपक्षी दलों और विशेष रूप से कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने के आरोप लगाए और हमला करते हुए कहा कि ये कानून वास्तव में गरीब और पसमांदा मुसलमानों की मदद करता है।

बीजेपी सांसद ने कहा, 'संसद ने 12 घंटे से अधिक की बहस के बाद कानून पारित किया है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये देश का कानून बन गया है। सुप्रीम कोर्ट को इसकी व्याख्या करने का अधिकार है और कुछ याचिकाएं हैं जिनमें कानून को असंवैधानिक या धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला या भूमि छीने जाने का आरोप लगाया गया है। वो बाहर कहते हैं कि ये असंवैधानिक है और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, लेकिन अदालत में वो केवल इन मुद्दों (उपयोगकर्ताओं, गैर-मुस्लिम सदस्यों द्वारा वक्फ के बारे में) को उठाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी बात सुनी, उन्होंने कार्यान्वयन को नहीं रोका, लेकिन सरकार को उस पर जवाब देने के लिए केवल 7 दिन दिए।'

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उन्होंने कहा कि ये कानून में स्थापित किया गया है कि देश भर में वक्फ बोर्ड एक धार्मिक निकाय नहीं है, बल्कि एक वैधानिक निकाय है जिसका उद्देश्य सिर्फ वक्फ संपत्तियों की देखभाल करना है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 19 April 2025 at 13:59 IST