अपडेटेड 19 April 2025 at 13:13 IST

कांग्रेस की अंदरुनी ताकत और CM फेस पर नेताओं के मन टटोलेंगे खड़गे; बिहार दौरे के और क्या-क्या मायने?

मल्लिकार्जुन खड़गे के बिहार दौरे की गहराई को समझने की जरूरत है, क्योंकि पटना में 24 अप्रैल को महागठबंधन की दूसरी बैठक रखी गई है।

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मल्लिकार्जुन खड़गे-कन्हैया कुमार | Image: Facebook

Mallikarjun Kharge Bihar Visit: बिहार के चुनाव में कुछ महीने की देर है। नवंबर में बिहार विधानसभा का कार्यकाल पूरा होगा, उसके पहले राज्य में चुनाव कराए जाने हैं। कांग्रेस इस बार बिहार के चुनाव में पूरी दिलचस्पी दिखा रही है, क्योंकि अंदरुनी चर्चाएं ये चलीं कि पार्टी अकेले मैदान में उतर सकती है। खैर ये सिर्फ चर्चाएं रहीं। वो इसलिए कि तेजस्वी यादव अपने इरादे ना सिर्फ जाहिर कर चुके हैं, बल्कि कांग्रेस को ये संकेत भी मिल होंगे कि पार्टी में अपने दम पर उतरने की हिम्मत नहीं है। हालांकि गठबंधन तक ही सीमित रहने वाली कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सतही हकीकत को समझने के लिए बिहार दौरे पर जरूर निकल रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बिहार दौरा 2 दिन के लिए रखा गया है। 19 अप्रैल को बक्सर में खड़गे की एक रैली रखी गई और अगले दिन 20 अप्रैल को पटना में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इतना तय है कि मल्लिकार्जुन खड़गे बिहार दौरे के जरिए कांग्रेस और पार्टी के अभियान को मजबूती देने की कोशिश करेंगे। ऐसा इसलिए भी कि राहुल गांधी की लगातार हालिया बिहार यात्रियों के बाद खड़गे का ये दौरा हो रहा है।

पटना की बैठक से 4 दिन पहले क्यों बिहार दौरे पर खड़गे?

मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बिहार दौरे की गहराई को समझने की जरूरत है, क्योंकि पटना में 24 अप्रैल को महागठबंधन की दूसरी बैठक रखी गई है, जिसके 4 दिन पहले वो यहां आ रहे हैं। पटना में होने वाली महागठबंधन की बैठक में सीट बंटवारे से लेकर सरकार बनने की स्थिति में आगे की रणनीति भी तय करनी है। फिलहाल महागठबंधन का फोकस सीटों की हिस्सेदारी पर होगा।

माना जा रहा है कि पटना की बैठक से 4 दिन पहले बिहार आकर मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की स्थिति को समझने की कोशिश करेंगे ताकि सीटों की हिस्सेदारी को लेकर मोल-भाव अच्छे से किया जा सके। अपना शक्ति प्रदर्शन करके कांग्रेस कहीं ना कहीं गठबंधन के सहयोगियों को संदेश देना चाह रही है। शायद इसीलिए राहुल गांधी ने बिहार में अपने हालिया दौरे किए।

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इसको भी समझना होगा कि कांग्रेस ने बिहार में कन्हैया कुमार को आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश की है। राहुल गांधी बेगूसराय जाकर कन्हैया कुमार के लिए यात्रा निकालकर आए। सचिन पायलट और सुप्रिया श्रीनेत जैसे कुछ नेताओं को पार्टी ने कन्हैया कुमार के साथ बिहार में उतरकर माहौल बनाने की कोशिश की। पटना की बैठक से पहले खड़गे की कोशिश पार्टी नेताओं के मन टटोलने की भी रहने वाली है, ताकि सीएम पद की संभावनाओं के बीच चेहरों के समर्थन और विरोध को लेकर संगठन के अंदरुनी हालातों को समझा जाएगा।

अभी बिहार में महागठबंधन में तेजस्वी की दावेदारी मजबूत?

कांग्रेस ने अंदरखाने कन्हैया कुमार को सीएम फेस के तौर पर तैयारी जरूर की होगी, जो गाहे-बगाहे पार्टी नेताओं की जुबान से निकलकर आया। खैर, बिहार में तेजस्वी यादव महागठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदार हैं। बिहार में राजद का अपना वोटबैंक है और अपनी ताकत है, जबकि कांग्रेस राजद के सहारे ही अब मैदान में उतर रही है। मसलन कांग्रेस को गठबंधन में रहते हुए तेजस्वी यादव को स्वीकार करना होगा। इससे कन्हैया कुमार की इच्छाओं को जरूर झटका रहेगा, लेकिन आसानी से कहा जा सकता है कांग्रेस किसी तरह बिहार की सरकार की हिस्सेदारी बनने की कोशिश में तेजस्वी यादव का समर्थन करने के लिए मजबूर रहेगी।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 19 April 2025 at 13:13 IST