अपडेटेड 9 July 2025 at 10:12 IST
निरहुआ का उद्धव और राज ठाकरे को खुला चैलेंज, सीना ठोककर कहा- दम है तो मुझे महाराष्ट्र से बाहर करके दिखाओ
दिनेश लाल यादव ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को खुला चैलेंज देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो मुझे महाराष्ट्र से बाहर निकालकर दिखाओ।
- भारत
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Marathi vs Hindi Row: हिंदी और मराठी भाषा विवाद तूल पकड़ते जा रहा है। इसे लेकर चल रहे घमासान में महाराष्ट्र, बिहार और यूपी के नेताओं में जुबानी जंग जारी है। इस बीच भोजपुरी एक्टर और आजमगढ़ के पूर्व बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने भाषा विवाद पर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को निशाने पर लिया है।
दरअसल, दिनेश लाल यादव मंगलवार, 8 जुलाई को अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए बिहार के छपरा पहुंचे थे। इस दौरान उनसे महाराष्ट्र में भाषा के मुद्दे पर छिड़ी राजनीतिक जंग को लेकर सवाल किया गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव नजदीक आ रहे हैं और ये दोनों तारा-सितारा बेरोजगार हैं। उनका राजनीतिक करियर शून्य है।
दोनों तारा-सितारा बेरोजगार- निरहुआ
'निरहुआ' ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'यह पूरी तरह से गंदी राजनीति है। महाराष्ट्र में निकाय चुनावों आने वाले हैं। ये दोनों तारा-सितारा बेरोजगार हैं। उनके पास एक भी सीट या सांसद नहीं है... उनका राजनीतिक करियर शून्य है। इसके बाद भी यह लोग इस तरह की गंदी राजनीति कर रहे हैं।'
'गरीब और मजलूमों पर ताकत दिखाना गलत'
उन्होंने आगे कहा, 'देश के अन्य राज्यों से महाराष्ट्र में आकर रोजी-रोटी कमाने वाले हिंदी भाषियों पर यह हमला कर रहे हैं। गरीब और मजलूमों पर ताकत दिखाना सरासर गलत है। मैं पूरे देश से कहना चाहता हूं कि इनका विरोध करें क्योंकि यह गलत हो रहा है।'
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दिनेश लाल यादव का खुला चैलेंज
दिनेश लाल यादव ने चुनौती देते हुए कहा, 'मैं मराठी नहीं बोलता हूं,अगर हिम्मत है तो मुझे महाराष्ट्र से बाहर निकालकर दिखाओ। साल 2008 में भी इसी तरह का विवाद खड़ा किया था। उस समय मैं किसी पार्टी में नहीं था लेकिन तब भी कहता था कि इस मुद्दे पर मुझसे भिड़ कर दिखाओ। मुझे महाराष्ट्र से निकालकर दिखाओ।'
पूरे देश को मोदी सरकार पर भरोसा- निरहुआ
मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि अगर पीएम मोदी की सरकार में भी इस तरह की गुंडागर्दी को नहीं रोका गया तो लोगों का भरोसा टूट जाएगा। आज पूरे देश को मोदी सरकार पर भरोसा है। अगर अब भी इन लोगों की हरकतें नहीं रोकी गईं तो हम भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।
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भाषा को लेकर क्यों छिड़ा है विवाद?
महाराष्ट्र सरकार के थ्री लैंग्वेज पॉलिसी वापस लेने को मराठी अस्मिता की जीतत बताते हुए हाल ही में मुंबई में विजय रैली निकाली गई थी। इस दौरान 2009 से एक-दूसरे के खिलाफ राजनीति करने वाले उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे मंच पर साथ नजर आए। वहीं ठाकरे भाईयों की रैली से पहले ही भारी विरोध के माहौल को देखते हुए सीएम फडणवीस ने राज्य सरकार के पहली कक्षा से तीसरी भाषा पढ़ाने के अपने आदेश को रद्द कर दिया।
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 9 July 2025 at 10:12 IST