अपडेटेड 20 April 2025 at 20:20 IST

Ayodhya: ममता बनर्जी का हो गया अंतिम संस्कार! मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर अयोध्या के संतों का अनोखा विरोध

मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे ममता बनर्जी ने पूरे घटनाक्रम के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि वक्फ संशोधन कानून ने राज्य में हालात खराब किए हैं।

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Ayodhya: ममता बनर्जी का हो गया अंतिम संस्कार! मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर अत्याचार को लेकर अयोध्या के संतों का अनोखा विरोध | Image: Republic Bharat Video Grab

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में नए वक्फ कानून के खिलाफ उभरे विरोध प्रदर्शनों ने भयावह रूप ले लिया है। इस दौरान हुई हिंसा में एक बाप-बेटे की निर्मम हत्या के बाद हालात और भी गंभीर हो गए हैं। कई हिंदू परिवारों ने अपने घर छोड़कर दूसरे जिलों में शरण ली है, जिससे इलाके में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है। इस बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज़ हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि वक्फ संशोधन कानून ने राज्य में हालात बिगाड़े हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने स्थिति को संभालने की हरसंभव कोशिश की है, लेकिन यह कानून खुद विवादास्पद है। वहीं राम नगरी अयोध्या में ममता बनर्जी के खिलाफ अनूठा और प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया गया। स्थानीय संतों और प्रदर्शनकारियों ने ममता बनर्जी की प्रतीकात्मक चिता सजाई, और धार्मिक रीति-रिवाज़ों के साथ मुखाग्नि देकर 'अंतिम संस्कार' किया।


प्रदर्शनकारी संतों का आरोप है कि ममता बनर्जी की सरकार ने हिंदुओं की सुरक्षा की अनदेखी की है, और तुष्टिकरण की राजनीति के चलते दंगाइयों को संरक्षण दिया गया। राजनीतिक विश्लेषणकर्ताओं का मानना है कि यह घटना ममता सरकार के लिए राजनीतिक संकट की तरह उभर रही है, खासकर जब विपक्षी दल हिंदू सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर सरकार को लगातार घेर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों में हिंदू परिवारों पर हो रहे हमलों और कथित धार्मिक अत्याचार को लेकर अयोध्या से लेकर दिल्ली तक संत समाज मुखर हो गया है। हिंसा और विस्थापन की खबरों के बीच अब ममता बनर्जी सरकार को संतों और हिंदू संगठनों के तीव्र प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। विश्व हिंदू परिषद द्वारा शुरू किए गए देशव्यापी आंदोलन के बाद, अब संत समाज ने भी मोर्चा खोल दिया है। अयोध्या में ममता बनर्जी की प्रतीकात्मक चिता सजाई गई, वहीं देश के कई हिस्सों में प्राण रक्षा यज्ञ और शांतिपाठ आयोजित किए जा रहे हैं जो एक स्पष्ट संदेश है कि हिंदू समाज अब चुप नहीं बैठेगा।


दिवाकराचार्य महाराज ने ममता का प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार किया

ममता बनर्जी का प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार करते हुए दिवाकराचार्य महाराज ने कहा, 'अयोध्या से मैं सत्य सनातन धर्म प्रचारक दिवाकराचार्य महाराज एवं मेरे साथ अयोध्या के प्रतिष्ठित साधु संत महंतों ने मिलकर पश्चिम बंगाल में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की निर्दयता और निर्ममता को अलोकतांत्रिक अवैधानिक प्रक्रिया को अयोध्या शमशान घाट पर मुखाग्नि दिया है। पूरे देश से हिंदुओं को संगठित कर पश्चिम बंगाल के हिंदुओं को संदेश देने का काम किया है को 21वीं शताब्दी का युवा डरने का नहीं डराने का काम करता है भागने का नहीं भागने का काम करता है। पश्चिम बंगाल के हिन्दू संगठित होकर ममता बनर्जी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कार्य करें वहीं राष्ट्रपति से भी आग्रह किया कि जिस उद्देश्य के साथ ममता कार्य कर रही है एक बात स्पष्ट है कि वो चाहती है कि पश्चिम बंगाल हिन्दू विहीन हो जाए जिसे ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल में समय रहते इससे पहले कि वह मिनी पाकिस्तान बने वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर ममता बनर्जी के ऊपर प्रशासनिक कार्यवाही करें।'


अयोध्या के प्रमुख संतों का ममता को संदेश

'21वीं सदी का संत अब भागने में नहीं, भगाने में विश्वास करता है।' यह बयान न केवल आक्रोश की अभिव्यक्ति है, बल्कि राजनीतिक चेतावनी भी, कि अगर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो विरोध आंदोलन का रूप ले सकता है। ममता बनर्जी, जो पहले से ही केंद्र सरकार और अदालतों के निशाने पर हैं, अब धार्मिक नेतृत्व के भी विरोध का सामना कर रही हैं। उनकी तुष्टिकरण नीति और वक्फ संशोधन कानून पर उदासीनता को लेकर भाजपा समेत कई हिंदू संगठनों ने उन्हें 'हिंदू विरोधी' करार दिया है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 20 April 2025 at 20:20 IST