sb.scorecardresearch

Published 21:45 IST, October 10th 2024

मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर अफजाल अंसारी ने खोला राज, बताया- कहां से आई सपा की लाल टोपी और गमछा

मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर सपा सांसद अफजाल अंसारी ने राज खोला कि लाल टोपी और गमछा कहां से आया। इसके अलावा अयोध्या गोलीकांड के फैसले के मुरीद भी हो गए।

Reported by: Kanak Kumari Jha
Follow: Google News Icon
  • share

समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की आज पुण्य तिथि है। इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने परिवार के साथ उनके गांव सैफई पहुंचे। सैफई में उन्होंने पिता मुलायम सिंह यादव की समाधि पर फूल चढ़ाया और भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर कई लोग वहां पहुंचे और उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित किया। इस दौरान सपा नेता अफजाल अंसारी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और जमकर मुलायम सिंह यादव की तारीफ की।

अफजाल अंसारी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "मुलायम सिंह ने कुछ गजब फैसले लिए। उनके कुछ फैसले बेजोड़ हैं। कोई मुकाबला नहीं कर सकता। जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर लोग चढ़े थे उसे गिराने के लिए, तो मुलायम सिंह के सामने सवाल था कि संविधान बचेगा या नहीं। उनका मानना था कि मेरी सरकार चली जाए, लेकिन कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उनको हत्यारा कहा गया। उनको गाली दी गई। जितना उनके बारे में बुरा बोला गया, उनकी कद उतनी बढ़ती गई।"

मुलायम सिंह के किस फैसले के मुरीद हुए अफजाल अंसारी?

दरअसल, ये मामला 1990 का है, जब बाबरी मस्जिद गिराने कारसेवकों और साधू-संतों की भीड़ अयोध्या पहुंच रही थी। इस दौरान प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगाया। काफी दूर तक पुलिस बैरिकेडिंग की गई। भीड़ बेकाबू हो गई, जिसके बाद मुलायम सिंह यादव के आदेश पर पुलिस ने कारसेवकों पर फायरिंग की। ये घटना 30 अक्टूबर 1990 की है। इसके ठीक दो दिन बाद 2 नवंबर को हजारों की संख्या में कार सेवकों की भीड़ हनुमानगढ़ी के पास उमड़ी। कारसेवकों की भीड़ तीन दिशाओं से इधर आ रही थी। ऐसे में मकानों के ऊपर पुलिस बंदूक के साथ खड़े थे। एक बार फिर से पुलिसवालों को आदेश मिला और कारसेवकों पर गोलियां बरसाई गई।

'16 जानें तो कम थी अगर 30 जानें भी जाती...'

अपने एक भाषण में मुलायम सिंह यादव ने कारसेवक गोलीकांड को लेकर कहा था कि अगर मस्जिद को गिर जाने देते तो हिंदुस्तान का मुसलमान महसूस करता कि हमारे धर्मिक स्थल भी नहीं रहेंगे। ये देश की एकता के लिए खतरा होता। इसलिए 16 जानें तो कम थी अगर 30 भी जानें जाती देश की एकता के लिए तो भी मैं अपना फैसला वापस ना लेता।

अंसारी ने बताया कि कहां से आए लाल टोपी और गमछा

उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह सपा का ये लाल टोपी और लाल गमछा पश्चिम बंगाल से लेकर आए थे। उस समय ज्योति बसु बंगाल के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। किरणमय नंदा को भी वहीं से लाए थे। 10 अक्टूबर को समता भवन में सांसद अफजाल अंसारी ने मुलायम सिंह की शान में कसीदे पढ़े। वहीं भाजपा को घेरते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा की सरकार में मेरे घर पर चढ़ाई करके मेरे पिता तक को मारा गया। तब मुलायम सिंह ने कहा था हम आपके साथ हैं। मुलायम सिंह ये नहीं देखते थे कि कोई उनकी पार्टी में है कि नहीं। जिसके साथ अन्याय होता था वो उसके साथ खड़े रहते थे।"

सपा सांसद ने कहा कि मुलायम सिंह यादव के फैसलों का कोई मुकाबला करनेवाला ही नहीं है। उन्हें ऐसे ही धरती पुत्र नहीं कह दिया गया। जब फूलन देवी को इस दुनिया का सबसे बड़ा डाकू घोषित किया गया था, उन्होंने मध्य प्रदेश में सरेंडर किया था। उसके बाद वो 10 साल जेल के अंदर रहीं। उस समय वहां अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह ने उनके सामने कुछ शर्ते रखी थी, जिसके बाद फूलन देवी ने सरेंडर किया। उन्हें आश्वासन दिया गया था कि एक साल बाद उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन 10 साल उन्हें रहना पड़ा। जब मुलायम सिंह को ये पता चला तो सोचिए क्या फैसला था। उस महिला को जेल से रिहा करने का आदेश दिया। मुलायम सिंह यादव ने फूलन देवी को लोकसभा का टिकट दिया। 

इसे भी पढ़ें: Ratan Tata Last Rites: भारत के अनमोल रतन को अलविदा, वर्ली श्मशान घाट पर पंचतत्व में विलीन रतन टाटा
 

Updated 22:24 IST, October 10th 2024