अपडेटेड 9 April 2025 at 22:00 IST
वक्फ कानून की मौलाना रशीदी ने जमकर की तारीफ, कहा- बोर्ड में रेवेन्यू अफसर समेत कई अब भी हिंदू; कपिल सिब्बल को जमकर लताड़ा
मौलाना रशीदी ने कहा, 'अगर कांग्रेस मुसलमानों को कुछ देती तो सच्चर कमेटी में ये नहीं कहा जाता कि दलित से भी बदतर जिंदगी जी रहा है मुसलमान।'
- भारत
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देश में वक्फ कानून को लेकर एक नई जंग छिड़ी हुई है। विपक्षी नेता और कुछ मुस्लिम नेता इस नए कानून का लगातार विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं तो वहीं मुस्लिम धर्मगुरु और ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी वक्फ संशोधित कानून की जमकर तारीफ कर रहे हैं। एक प्राइवेट चैनल से बातचीत करते हुए साजिद रशीदी ने वक्फ कानून की न सिर्फ तारीफ की बल्कि वक्फ कानून का विरोध करने वालों को जमकर लताड़ा भी। इस वीडियो में रिपोर्टर सवाल पूछता है कि कपिल सिब्बल कहते हैं कि अगर 9 लाख एकड़ जमीन अगर वक्फ बोर्ड के पास है तो हिन्दू बोर्ड के पास भी तो 10 लाख एकड़ जमीन पड़ी है उसके ऊपर क्यों नहीं आप कानून लेकर आते हैं? केवल मुसलमानों के ऊपर ही कानून लेकर क्यों आ रहे हैं? रिपोर्टर के इस सवाल के जवाब में मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, 'कपिल सिब्बल तो वकील हैं पढ़े-लिखे इंसान हैं उनको इतना तो पता होना चाहिए कि जितने बड़े-बड़े मंदिर हैं उन सब का रख रखाव सरकार के पास है। उन सब की संपत्ति उनकी आय सब सरकार को जाती है और उन पैसों से देश के बहुत से काम होते हैं।'
इसके बाद रिपोर्टर ने मौलाना से दूसरा सवाल दागा कि हिन्दू बोर्ड के मंदिरों में कोई मुसलमान नहीं हैं तिरुपति जैसे बड़े-बड़े मंदिरों की बात करें तो उसके अंदर भी कोई मुसलमान सदस्य नहीं बनाया गया है, लेकिन यहां वक्फ बोर्ड संशोधन कानून में गैर मुस्लिमों को भी जगह दी जा रही है वक्फ बोर्ड के अंदर? इस सवाल के जवाब में मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, 'कपिल सिब्बल कांग्रेस में थे, जब 65 सालों तक इन्होंने राज किया था। कांग्रेस अगर मुसलमानों की हितैषी थी तो कांग्रेस ने जिस तरह से सिखों की तमाम प्रॉपर्टियां तमाम गुरुद्वारे उनको प्रबंधक कमेटी को दे दिया। हमारी इन तमाम प्रॉपर्टियों के लिए एक प्रबंधक कमेटी क्यों नहीं बनाई? ताकि ये सारी प्रॉपर्टी आज मुसलमानों के पास होती। उस समय सरकार क्या मुसलमान थी कांग्रेस? उसमें भी सारे हिन्दू थे और वक्फ बोर्ड के जितने भी रेवेन्यू स्टाफ है एसडीएम से लेकर रेवेन्यू अफसरान और चीफ सेक्रेटरी तक वो क्या मुसलमान हैं? वो भी सारे के सारे हिन्दू हैं।
जब कांग्रेस खुद भी खा रही थी और आपको भी खाने दे रही थी तब...
रेवेन्यू से जहां से फंड पास होता है वक्फ बोर्ड के लिए वहां क्या मुसलमान बैठे हैं? सारे हिन्दू हैं। जब सरकार के पास हमारी संपत्ति पहले भी थी और आज भी सरकार उसे अपने पास रखना चाह रही है तो आप उस वक्त तो रोए नहीं जब कांग्रेस की सरकार थी। चूंकि वो आपको भी खाने दे रही थी और खुद भी खा रही थी। जब आपके खाने का नंबर खत्म हो गया और आपने जो खाया है उसे निकालने का नंबर आया तो आज आपको ये पता चला है कि ये सरकार के पास है या सरकार इसपर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। ये सारा जो दिखावे का आडंबर रचा जा रहा है मैं समझता हूं कि मुसलमानों को ये चीज समझनी चाहिए'
मुसलमान दलितों से भी बदतर जिंदगी जी रहेः सच्चर कमेटी
रिपोर्टर - ये बताइए कि आम मुसलमानों के जीवन पर इससे क्या फर्क पड़ेगा, पहले के कानून से क्या फर्क पड़ा और अब आने वाले कानून से क्या फर्क पड़ेगा? इसके जवाब में मौलाना रशीदी ने कहा, 'मुसलमान की जिंदगी में न पहले वाले कानून से कोई फर्क था न आने वाले कानून से कोई फर्क पड़ेगा। क्योंकि न तो कांग्रेस ने पहले मुसलमानों को कुछ दिया... अगर कांग्रेस मुसलमानों को कुछ देती तो सच्चर कमेटी में ये नहीं कहा जाता कि दलित से भी बदतर जिंदगी जी रहा है मुसलमान। कांग्रेस ने हमें हमेशा एजूकेशन से दूर रखा, सही रास्तों से दूर रखा, सही कामों से दूर रखा, नौकरियों से दूर रखा, हमें रोजगार से दूर रखा, हमें गलत रास्तों पर डाला कांग्रेस ने। आप देखिए कि जबतक कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की सरकारें रहीं तब तक मुसलमानों के बच्चे गाड़ियों में जेब काटते थे या राहगीरों को रास्ते में लूटते थे या फिर उससे थोड़ा सा तरक्की करके वो रॉबरी करने लगे।'
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 9 April 2025 at 22:00 IST