अपडेटेड 13 July 2024 at 07:32 IST

मनोज तिवारी ने 'संविधान हत्या दिवस' पर कहा- 'देश आज धन्यवाद दे रहा होगा ताकि फिर संविधान की हत्या..'

केंद्र सरकार ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित किया है, जिसे लेकर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि संविधान हमारे देश का पवित्र ग्रंथ है।

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Manoj Tiwari on Arvind Kejriwal
मनोज तिवारी | Image: R Bharat

Manoj Tiwari on Samvidhan Hatya Diwas: केंद्र सरकार ने 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' घोषित किया है, जिसे लेकर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि संविधान हमारे देश का पवित्र ग्रंथ है और देश के लोग आज धन्यवाद दे रहे होंगे, ताकि कोई उस तरह फिर संविधान की हत्या न कर सके।

गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर संविधान हत्या दिवस मनाने की जानकारी दी थी, सरकार ने इसको लेकर इन नोटिफिकेशन भी जारी किया है, जिसमें लिखा है कि, ‘25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था। लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया।’ 

कांग्रेस शासन ने संविधान को दरकिनार किया- मनोज 

सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि, 'संविधान हमारे देश के लिए एक बहुत पवित्र ग्रंथ है...और उसी के अनुसार हमारा देश चलता है...25 जून 1975 में कांग्रेस के शासन में संविधान को दरकिनार कर दिया गया, आपातकाल घोषित कर दिया गया...और जो लोग इसके खिलाफ बोले, उनको या तो मार डाला गया या जेल में बंद कर दिया गया...अब 25 जून को आज की भारत सरकार ने संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है, तो मैं समझता हूं कि देश के लोग आज धन्यवाद दे रहे होंगे क्योंकि संविधान की आगे कोई इस प्रकार से हत्या ना कर सके...इसलिए उस दिवस को याद रखना है ताकि आने वाले दिनों में आज जो संविधान की चर्चा हो रही है, हम उसके अनुसार चल सके और समाज को सुरक्षित रख सकें।'

बीजेपी ने इमरजेंसी को बताया काला दिन

बीजेपी ने 25 जून 1975 को आजाद भारत के इतिहास का सबसे काला दिन बताया है, इसी दिन संविधान को ताक पर रखकर आपातकाल मतलब इमरजेंसी (Emergency in India) की घोषणा कर दी गई थी। यह फैसला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लिया था और इसी के साथ आजाद भारत के लोग सरकार के गुलाम बनकर रह गए थे। आम लोगों की स्वतंत्रता खत्म कर दी गई थी और सरकार तय करने लगी थी कि वे क्या बोलेंगे और क्या देखेंगे, 21 महीनों तक विपक्ष के सभी नेता या तो जेल में बंद कर दिए गए थे या फिर वे फरार थे। इसलिए अब केंद्र सरकार ने इसी तारीख (25 जून 1975) को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

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राष्ट्रपति और PM मोदी ने भी कि इंदिरा गांधी की निंदा   

26 जून को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी इमरजेंसी की 49वीं बरसी पर आपातकाल को लेकर निंदा प्रस्ताव पेश किया था। वहीं इससे पहले पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी आपातकाल पर तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार की निंदा कर चुके हैं।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 13 July 2024 at 07:32 IST