अपडेटेड 30 May 2025 at 23:17 IST
मणिपुर में सरकार बनाने की कवायद तेज, इंफाल में BJP विधायक थोंगम बिस्वजीत सिंह के आवास पर 25 विधायकों का मंथन
Manipur News : मणिपुर में 13 फरवरी, 2025 से राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्य के कद्दावर BJP नेता थोंगम बिस्वजीत सिंह के आवास पर 25 BJP विधायक पहुंचे, जो सरकार बनाने की रणनीति बना रहे हैं।
- भारत
- 4 min read

Manipur New Govt : 13 फरवरी, 2025 से पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्य के राज्यपाल अजय भल्ला से रिपोर्ट मिलने के बाद राष्ट्रपति शासन लागू की घोषणा की थी। एन बीरेन सिंह को प्रदेश में जातीय हिंसा के चलते दबाव का सामना करना पड़ रहा था। विपक्षी पार्टियां और खुद BJP विधायक इस मुद्दे पर सवाल उठा रहे थे।
अब एक बार फिर मणिपुर में सरकार गठन की उम्मीद जगी है। सरकार बनाने के लिए शुक्रवार को करीब 25 भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायकों ने इम्फाल में पार्टी विधायक थोंगम बिस्वजीत सिंह (Thongam Biswajit Singh) के निवास पर बैठक की। इस बूैठक में सरकार बनाने की रणनीति पर चर्चा की गई। इससे पहले 28 मई को करीब 10 विधायकों राज भवन में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया था।
सरकार गठन की कवायद तेज
दस विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल से मिलकर जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में "लोकप्रिय" सरकार के गठन की मांग की थी। जिनमें 8 विधायक BJP, एक नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और एक निर्दलीय विधायक शामिल थे। उनकी यह मुलाकात इम्फाल घाटी में एक मैतेई संगठन द्वारा चलाए जा रहे सविनय अवज्ञा (Civil Disobedience) आंदोलन के बीच हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि केंद्रीय सशस्त्र बलों ने 20 मई को एक राज्य संचालित बस पर "मणिपुर स्टेट ट्रांसपोर्ट" शब्दों को छिपाकर राज्य की पहचान का अपमान किया। इससे पहले 21 विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर लोकप्रिय सरकार बनाने का आग्रह किया गया था।
9 फरवरी को दिया था इस्तीफा
एन बिरेन सिंह ने राज्यपाल से मिलकर 9 फरवरी, 2024 को मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दिया था। 3 मई, 2023 को मैतेई और कुकी समुदायों में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से परिवर्तन की मांग लंबे समय से चल रही थी। राज्यपाल ने बिरेन सिंह के साथ-साथ उनकी मंत्रिपरिषद का भी इस्तीफा स्वीकार कर लिया था। इसके बाद उन्होंने 31 दिसंबर, 2024 को जनता से मांगी माफी थी।
Advertisement
मणिपुर विधानसभा का समीकरण
मणिपुर की विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 60 है। BJP के पास अच्छा खासा संख्याबल है और मैतई के साथ-साथ कुकी समुदाय के विधायक भी पास हैं। 2022 में बीजेपी के 32 विधायक जीतकर विधानसभा आए थे और बाद में जदयू के 5 विधायकों ने भी दामन थाम लिया था, जिससे संख्याबल 37 पहुंचा। इसके अलावा बीजेपी को नगा पीपुल्स फ्रंट के 5 और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी मिला है।
मणिपुर ने सबसे अधिक बार लगा राष्ट्रपति शासन
मणिपुर देश का ऐसा राज्य है, जिसमें सबसे अधिक 11 बार राष्ट्रपति शासन लगा है। सबसे पहले 21 जनवरी, 1972 को राष्ट्रपति शासन जारी हुआ था। उस समय मणिपुर नया नया राज्य बना था। विधानसभा चुनाव होने और निर्वाचित सरकार बनने तक संविधान के अनुबंधों के तहत सरकार चलाना संभव नहीं थी। इसलिए राज्य के अस्तित्व में आते ही यहां राष्ट्रपति शासन लगा। हालांकि 1 नवंबर 1956 को मणिपुर संघ राज्यक्षेत्र परिषद अधिनियम 1956 के अंतर्गत एक केंद्र शासित प्रदेश था और उस दौरान 3 राष्ट्रपति शासन वो देख चुका था।
Advertisement
1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद मणिपुर में अलग-अलग स्थितियों में 28 मार्च 1973, 16 मई 1977, 14 नवंबर 1979, 28 फरवरी 1981, 7 जनवरी 1992, 31 दिसंबर 1993, 2 जून 2001 को राष्ट्रपति शासन की घोषणा की गई। इस बार 13 फरवरी, 2025 को 11वीं बार मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 30 May 2025 at 23:17 IST