अपडेटेड 3 April 2025 at 19:37 IST

Waqf Bill: भारत के इतिहास की वो प्रमुख घटनाएं, जब आधी रात तक चली संसद की कार्यवाही

संसद की कार्यवाही आधी तक चलने के कई उदाहरण हैं। देर रात तक सदन आमतौर पर तब चलती है जब कोई महत्वपूर्ण विधेयक, बजट चर्चा या राष्ट्रीय हित का मुद्दा विचाराधीन हो।

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Jawaharlal Nehru Delivering The 'Tryst With Destiny' Speech In The Constituent Assembly  (1)
जब आधी रात तक चली संसद की कार्यवाही | Image: X/IndiaHistorypic

Waqf Bill Amendment : बुधवार को लोकसभा में 12 घंटे से अधिक चली मैराथन चर्चा के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी मिल गई, लेकिन इससे पहले संसद में बिल पर बहस के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार वार-पलटवार देखने को मिला। लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 राज्यसभा में पेश किया, जिसपर अब चर्चा हो रही है।

वक्फ संशोधन बिल पर विपक्ष के सभी प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गए। लोकसभा ने गुरुवार तड़के करीब 12 घंटे की बहस के बाद 288-232 मतों से विधेयक पारित कर दिया। लेकिन ये पहली बार नहीं है, जब भारत में संसद की कार्यवाही आधी रात तक चली हो। वैसे आमतौर पर भारत में संसद की कार्यवाही निर्धारित समय के अनुसार चलती है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में यह देर रात तक भी चल सकती है। ऐसा पहले भी कई बार जनहित के मुद्दों पर बहस के दौरान हो चुका है। तो चलिए भारत के इतिहास में वो खास दिन आपको बताते हैं, जब संसद की कार्यवाही देर रात तक चली।

  • 14-15 अगस्त 1947 : ये भारतीय संसद के इतिहास का वो दिन है जब देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपना ऐतिहासिक भाषण "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी" (Tryst With Destiny) दिया था। आजादी की पूर्व संध्या पर, संविधान सभा की बैठक आधी रात को हुई थी।
जवाहरलाल नेहरू संविधान सभा में ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ भाषण देते हुए (PC- X/IndiaHistorypic)
  • 9 अगस्त 1992 : 'भारत छोड़ो आंदोलन' के 50 साल पूरे होने के मौके पर संसद की विशेष बैठक आधी रात तक चली थी। संसद में स्वतंत्रता संग्राम और देश के शहीदों को याद किया गया था। यह संसद का एक मिडनाइट स्पेशल सेशन था। महात्मा गांधी ने 8 अगस्त, 1942 को अपने 'करो या मरो' भाषण के साथ भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की थी।
  • 14-15 अगस्त, 1997 : भारत की स्वतंत्रता के 50 साल पूरे होने के खास मौके पर सदन का मध्यरात्रि विशेष सत्र का बुलाया गया था।
  • 1 जुलाई 2017 : वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करने के लिए संसद की विशेष बैठक रात में आयोजित की गई थी। संसद की विशेष बैठक 30 जून, 2017 को शुरू हुई और आधी रात को 1 जुलाई 2017 को GST लॉन्च के साथ खत्म हुई।
  • 11 जुलाई 2019 : रेलवे पर अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए लोकसभा की कार्यवाही रात 11:59 बजे तक चली थी। यह पिछले 20 सालों में सबसे लंबे समय तक चलने वाली सदन की कार्यवाहियों में से एक थी।
  • 20 सितंबर 2020 : कृषि सुधार विधेयकों 2020 पर चर्चा और मतदान के लिए लोकसभा की कार्यवाही रात 12:30 बजे तक चली थी। खास बात ये है कि यह सत्र कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ था। पहले सदन की कार्यवाही को शाम 7 बजे तक सीमित करने की योजना थी, लेकिन हंगामे और चर्चा के कारण आधी रात तक चली।
  • 2-3 अप्रैल 2025 : वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2 अप्रैल, 2025 को लोकसभा में दोपहर 12 बजे पेश किया गया था। शुरू में चर्चा के लिए 8 घंटे का समय दिया गया। इस बिल पर देश में जमकर हंगामा हुआ है, जिसके कारण लंबी बहस हुई। वक्फ संशोधन विधेयक सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए संसद की बैठक देर रात 2:41 बजे तक चली।

संसद की कार्यवाही आधी रात तक चलने के ये कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। देर रात तक सदन की कार्यवाही आमतौर पर तब चलती है जब कोई महत्वपूर्ण विधेयक, बजट चर्चा या राष्ट्रीय हित का मुद्दा विचाराधीन हो। भारतीय संसद का सत्र आमतौर पर सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 1 बजे तक चलता है। लंच ब्रेक के बाद दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक सत्र होता है। नियमित रूप से संसद सत्र रात तक नहीं चलते।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 3 April 2025 at 19:37 IST