अपडेटेड 11 January 2025 at 13:05 IST

महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका, निकाय चुनाव के पहले MVA गठबंधन टूटा! निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी उद्धव ठाकरे की शिवसेना

INDI गठबंधन में बिखराव को लेकर भी संजय राउत ने कांग्रेस को घेरा है। संजय राउत कहते हैं कि गठबंधन को बचाना कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है।

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Uddhav Thackeray and Rahul Gandhi
Uddhav Thackeray and Rahul Gandhi | Image: PTI

इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी INDI अलायंस के भीतर कांग्रेस की दुर्गति हो रही है। दिल्ली के विधानसभा में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को हाथ से झाड़ू पकड़ने तक नहीं दिया है और अब महाराष्ट्र में भी पार्टी को बड़ा झटका मिला है। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना-यूबीटी ने कांग्रेस के सहयोग वाले महाविकास आघाडी गठबंधन से अलग हटकर मुंबई नगर पालिका (BMC) चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इससे स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए महाविकास आघाडी (MVA) टूट गया है।

उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने ऐलान किया है कि शिवसेना-यूबीटी महाविकास आघाडी (MVA) के साथ नहीं, बल्कि महाराष्ट्र में होने वोले लोकल बॉडी (स्थानीय निकाय चुनाव) चुनाव अकेले लड़ेगी। संजय राउत ने अपने बयान में कहा- 'महाराष्ट्र में हमने लोकसभा के लिए INDI ब्लॉक बनाया था। विधानसभा के लिए MVA बनाया था। गठबंधन में कई बार लड़ने की जो इच्छा कार्यकर्ताओं की वो पूरी नहीं कर पाते, इसलिए लोकल चुनाव, महानगरपालिका, नगर पालिका, जिला परिषद, ग्राम पंचायत चुनाव हो, वो कार्यकर्ताओं को लड़ने देना चाहिए। हम नागपुर, मुंबई समेत सभी जगहों पर लड़ेंगे।'

INDI गठबंधन को लेकर कांग्रेस को नसीहत

INDI गठबंधन में बिखराव को लेकर संजय राउत ने कांग्रेस को घेरा है। संजय राउत कहते हैं- 'गठबंधन को बचाना कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। ये सच है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था और चुनाव के बाद भारत गठबंधन की एक भी बैठक नहीं हुई। इस बैठक को बुलाने की जिम्मेदारी भी कांग्रेस पार्टी की थी। हम अभी तक गठबंधन के संयोजक की घोषणा नहीं कर पाए हैं, अगर हमें किसी ताकत से लड़ना है तो हमें इन सब बातों का ध्यान रखना चाहिए।'

पहले दिल्ली में लगा कांग्रेस को झटका

दिल्ली में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दरार बढ़ी है। 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और 8 फरवरी को मतगणना होगी। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने AAP को अपना समर्थन दिया है। दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस को पिछले दो विधानसभा चुनावों में झटका लगा है और वो एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है। इसके उलट 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतकर दबदबा बनाया, जबकि BJP को सिर्फ 8 सीटें मिलीं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 11 January 2025 at 13:05 IST