अपडेटेड 1 July 2025 at 22:29 IST
Tamil Nadu custodial death : तमिलनाडु में शिवगंगा जिले के थिरुप्पुवनम थाने में 27-28 जून 2025 को एक युवक अजित कुमार (27 वर्ष), की पुलिस हिरासत (कस्टोडियल मौत) में मौत हो गई थी। मद्रास हाईकोर्ट ने इस मालमे में पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि 'पुलिस ताकत के नशे में चूर हो चुकी है'। मंगलवार को मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने की घोषणा की है।
अजित, एक मंदिर में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था। पुलिस उसे चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए थाने लेकर गई थी। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने कस्टोडियल मौत पर सख्त रुख अपनाते हुए सख्ती के साथ टिप्पणी करते हुए तमिलनाडु पुलिस की बर्बरता पर सवाल उठाए। कोर्ट की फटकार के बाद अब सीएम एमके स्टालिन ने इस मामले में CBI जांच की सिफारिश की है। साथ ही उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार CBI जांच में पूरा सहयोग करेगी।
इस मामले में 5 पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है। राज्य सरकार ने जांच में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए केस CBI को सौंपने का फैसला लिया है। CM एमके स्टालिन ने पुलिस हिरासत में हुई मौत पर कहा कि पुलिसकर्मियों का ये काम माफी लायक नहीं है। यह ऐसी घटना है जिसे कोई भी सही नहीं ठहरा सकता है। ऐसे कृत्य कहीं भी और कभी नहीं होने चाहिए।
इस मामले को जांच के लिए CBCID को सौंपा गया था, लेकिन जल्द CBI मामले की जांच शुरू कर सकती है।
एक महिला श्रद्धालु ने मंदिर में अपनी कार से सोने के आभूषण और 2,000 रुपये चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आधार पर पुलिस ने सिक्योरिटी गार्ड अजित को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। 28 जून को अजित की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। अजित के परिवार और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई के कारण उसकी मौत हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अजित के शरीर पर 44 चोटों के निशान मिले, और मिर्च पाउडर डाले जाने के सबूत भी पाए गए।
पब्लिश्ड 1 July 2025 at 22:11 IST