अपडेटेड 27 June 2024 at 15:23 IST
सेंगोल पर सपा MP ने भड़काई चिंगारी तो मोदी की मंत्री अनुप्रिया बोलीं-जब स्थापित हो रहा था तो ये...
28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया था। अभी सेंगोल पर नया विवाद छिड़ा है।
- भारत
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Sengol Row: न्याय के प्रतीक माने जाने वाले सेंगोल पर एक बार फिर से विवाद उठ खड़ा हुआ है। INDI गठबंधन के नेताओं ने सेंगोल पर सवाल उठाया है। नए विवाद की शुरुआत समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने की, जिसके बाद सपा के मुखिया अखिलेश यादव तक भारत की संप्रभुता के प्रतीक सेंगोल पर टिप्पणी करने लग गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने सांसद का बचाव कर रहे हैं। हालांकि सत्तापक्ष ने समाजवादी पार्टी को जवाब देने में देर नहीं की है।
उत्तर प्रदेश की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने पिछले दिन सेंगोल को लेकर एक चिट्ठी को लिखी थी। मांग की गई कि सेंगोल को संसद से हटाया जाए। आरके चौधरी ने चिट्ठी में लिखा था- 'संविधान लोकतंत्र का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने संसद में सेंगोल को स्थापित किया है। 'सेनगोल' का अर्थ है 'राज-दंड' या 'राजा का डंडा'। राजसी व्यवस्था को समाप्त करने के बाद देश स्वतंत्र हुआ। क्या देश 'राजा के डंडे' से चलेगा या संविधान से? मैं मांग करता हूं कि संविधान को बचाने के लिए सेंगोल को संसद से हटाया जाए।'
अखिलेश यादव ने किया आरके चौधरी का बचाव
सपा सांसद की चिट्ठी को लेकर अखिलेश यादव से सवाल पूछा गया तो वो आरके चौधरी का बचाव करते हुए नजर आए। आरके चौधरी की सेंगोल पर टिप्पणी को लेकर अखिलेश कहते हैं, 'मुझे लगता है कि हमारे सांसद शायद ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जब इसे (सेंगोल) स्थापित किया गया था, तो प्रधानमंत्री ने इसके सामने सिर झुकाया था। शायद शपथ लेते समय वह इसे भूल गए। हो सकता है कि मेरे एसपी ने उन्हें यह याद दिलाने के लिए ऐसा कहा हो, जब प्रधानमंत्री इसके सामने सिर झुकाना भूल गए, तो शायद वह भी कुछ और चाहते थे।'
सपा नेता को सत्ता पक्ष का जवाब
समाजवादी पार्टी के नेताओं के बयानों पर सत्ता पक्ष ने भी पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल कहती हैं कि सेंगोल जब स्थापित हुआ था समाजवादी पार्टी उस वक्त भी सदन में थी, उस वक्त इनके सांसद क्या कर रहे थे?
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केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि सपा नेताओं को संविधान और संसदीय परंपराओं को देखना चाहिए। उन्होंने कहा, 'समाजवादी पार्टी के सांसद जो ये कह रहे हैं, उन्हें पहले संसदीय परंपराओं को जानना चाहिए और फिर बोलना चाहिए। और वो ऐसी चीज को हटाने की बात कर रहे हैं जो स्वाभिमान का प्रतीक है। मुझे लगता है कि उन्हें कहीं ना कहीं संविधान और संसदीय परंपराओं को देखना चाहिए।'
नए संसद में सेंगोल की स्थापना हुई
बताते चलें कि 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक पूजा करने के बाद नए संसद भवन में अध्यक्ष की कुर्सी के बगल में लोकसभा कक्ष में ऐतिहासिक सेंगोल स्थापित किया था। अधीनम की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी को सौंपे गए इस सेंगोल को पहले भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त 1947 की रात को स्वीकार किया था।
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Published By : Amit Bajpayee
पब्लिश्ड 27 June 2024 at 15:23 IST