अपडेटेड 21 March 2025 at 09:49 IST

कर्नाटक में हनीट्रैप कांड, बन गई 48 नेताओं की CD! मंत्री केएन राजन्ना के दावे से राज्य में आया भूचाल

कर्नाटक में विजयपुरा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने हनीट्रैप का मुद्दा उठाया। बाद में आरोपों को मंत्री केएन राजन्ना ने स्वीकार किया।

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Karnataka Minister KN Rajanna
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना | Image: Facebook

Karnataka honey trap scandal: हनीट्रैप के मामलों ने कर्नाटक की सियासत में भूचाल ला दिया है। कर्नाटक के कई नेता कथित तौर पर हनीट्रैप में बचे हैं। यहां तक कि राज्य के कुछ मंत्रियों के नाम इस लिस्ट में शामिल हुए हैं। कर्नाटक विधानसभा के भीतर जब मुद्दा उठा तो राज्य के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने भी स्वीकार कर लिया कि उन पर हनी ट्रैप का प्रयास किया गया। उन्होंने राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर से मामले की जांच करने को कहा।

बजट सत्र में चर्चा के दौरान विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने विधानसभा में हनीट्रैप का मुद्दा उठाया और कहा कि राज्य में सहकारिता मंत्री को फंसाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि ये एक खराब संस्कृति है। जनप्रतिनिधियों को ब्लैकमेल किया जा रहा है। चूंकि उनका नाम लिया गया था, इसलिए केएन राजन्ना ने आरोपों को स्वीकार करते हुए जवाब दिया। मंत्री ने इन आरोपों को विधानसभा में ही स्वीकार किया। उन्होंने बयान में कहा- 'विधानसभा में बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने इस मामले को उठाया था। जब मेरा नाम लिया गया तो मैंने तथ्यों को स्पष्ट किया।'

मंत्री केएन राजन्ना ने बड़ा दावा किया

हनीट्रैप मामलों पर कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना अपने बयान में कहते हैं- 'कई लोग कहते हैं कि कर्नाटक सीडी और पेन ड्राइव की फैक्ट्री बन गया है। ये एक गंभीर आरोप है। कहा जा रहा है कि तुमकुरु के एक प्रभावशाली मंत्री हनीट्रैप में फंस गए हैं। तुमकुरु के मंत्री जी परमेश्वर हैं और मैं हूं।' केएन राजन्ना ने आगे कहा, 'मैं इस बारे में शिकायत दर्ज कराऊंगा। गृह मंत्री को इस मामले की जांच करनी चाहिए।'

सबसे अहम ये है कि खुद कर्नाटक के मंत्री दावा करते हैं कि 48 लोगों को हनीट्रैप में फंसाया गया, जो अलग-अलग राजनीतिक दलों के हैं और इन लोगों के सीडी और पेन ड्राइव भी बनाए गए। मंत्री केएन राजन्ना कहते हैं, 'पेन ड्राइव के जरिए लोगों का चरित्र हनन किया गया है। रमेश जारकीहोली मामले से लेकर प्रज्वल रेवन्ना मामले तक, सभी दलों के करीब 48 लोग हैं।'मंत्री केएन राजन्ना दावा करते हैं- 'वो दो अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हैं। ये मामला सिर्फ हमारे राज्य तक सीमित नहीं है। ये राष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है, जिसमें देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं।'

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जांच एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में हो- केएन राजन्ना

सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना कहते हैं- 'कुल 48 पेन ड्राइव तैयार की गईं। मैंने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से संबंधित पेन ड्राइव का उल्लेख किया है। मैंने गृह मंत्री से जांच के लिए अनुरोध किया है और ब्लैकमेल बंद होना चाहिए। उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मैं गृह मंत्री से बात करूंगा। जांच एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में की जानी चाहिए। ये सामने आना चाहिए कि इसके पीछे निर्माता और निर्देशक कौन हैं। जनता को पता होना चाहिए।'

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 21 March 2025 at 09:49 IST