अपडेटेड 13 July 2024 at 19:57 IST
जम्मू-कश्मीर में मोदी सरकार के दूसरे बड़े फैसले से विपक्ष में हड़कंप, ओवैसी बोले-अब LG होंगे सुपर CM
केंद्र सरकार के जारी किए गए इस नोटिफिकेशन में बताया गया है कि राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश सरकार के संचालन के नियम 2019 में संशोधित किया है।
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केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन किया है। इसके तहत अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को दिल्ली के राज्यपाल जैसी शक्तियां मिल जाएंगी। गृहमंत्रालय द्वारा किए गए इस संशोधन के बाद अब पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग सहित न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति जैसे कई बड़े अधिकार राज्यपाल के हाथों में दे दिए गए हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले पर एआइएमआइएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है।
ओवैसी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए गृह मंत्रालय के इस फैसले को असामान्य फैसला बताया है। ओवैसी ने कहा,'ये सामान्य संशोधन नहीं हैं। वे जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के तहत निर्वाचित सरकार के अधीन विषयों का अतिक्रमण करते हैं। जेकेएएस अधिकारियों को केवल एलजी द्वारा ही प्रशासनिक सचिव के रूप में तैनात किया जा सकता है। एलजी सुपर सीएम (छठी उंगली) होंगे।' इसके पहले सरकार ने शुक्रवार (12 जुलाई) को अधिनियम के तहत नियमों में संशोधन के लिए नोटिफिकेशन जारी की थी।
इस नए नियम को क्या कहेंगे?
शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए इस नोटिफिकेशन में बताया गया है कि राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश सरकार के संचालन के नियम 2019 में संशोधन करने के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं। गृहमंत्रालय द्वारा संशोधिक किए जा रहे इन नियमों को केंद्र शासित प्रदेश सरकार के संचालन का द्वितीय नियम 2024 कहा जा सकता है। इस नए संशोधन के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को आईएएस और आईपीएस सर्विस ऑफिसर्स के ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामलों में ज्यादा पॉवर मिलेगी। इस संशोधन में‘कार्य संचालन नियम’ में नियम 5 में उप-नियम (2) के बाद उप-नियम 2ए जोड़ा गया है।
LG को मिली पहले से ज्यादा ताकत
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को लेकर गृहमंत्रालय के जारी किए गए नए नियम (2ए) में कहा गया है कि कोई भी प्रस्ताव जिसके लिए अधिनियम के तहत उपराज्यपाल के विवेक का प्रयोग करने के लिए पुलिस, लोक व्यवस्था सहित एंटी करप्शन ब्यूरो तक के संबंध में फायनेंस डिपार्टमेंट की पूर्व सहमति की जरूरत होती है, अब ये उपराज्यपाल के समक्ष रखे जाने के बाद उसपर उनकी सहमति के बिना लागू नहीं की जा सकेंगी। इस नियम के लागू होने के बाद से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को महाधिवक्ता और कानून अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार मिल गया है।
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 13 July 2024 at 18:18 IST