अपडेटेड 5 August 2025 at 07:41 IST

अनुच्छेद 370 हटने के 6 साल पूरे, क्या जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? दिल्ली से श्रीनगर तक सियासी हलचल हुई तेज

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की प्रक्रिया जटिल है और इसके लिए संसद में विधायी संशोधन जरूरी है, लेकिन वर्तमान सियासी हलचल और उच्च-स्तरीय बैठकों को देखकर लगता है कि केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठा सकती है।

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क्या जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा? | Image: AI Generated image

Jammu and Kashmir statehood : आज 5 अगस्त है, और ये तारीख केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए बेहद ही खास है। साल 2019 और 2020 में 5 अगस्त के दिन मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसले लेकर पूरे देश को चौंका दिया था, हालांकि पिछले 4 साल से मोदी सरकार ने 5 अगस्त को ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन इस बार 5 अगस्त को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है।

5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था। 5 अगस्त, 2020 को अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई। अब पिछले 48 घंटे से देश में चर्चा चल रही है कि इस 5 अगस्त को कुछ बड़ा होने वाला है। सूत्रों के मुताबिक सरकार कोई अहम बिल या अध्यादेश ला सकती है या फिर बड़ी राजनीतिक का संवैधानिक नियुक्ति पर फैसला हो सकता है।

जम्मू-कश्मीर को मिलेगा पूर्ण राज्य का दर्जा?

आज अनुच्छेद 370 हटने की छठी वर्षगांठ के मौके पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की अटकलें तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हालिया मुलाकातों ने इन चर्चाओं को और हवा दी है। इसके पीछे बीते दो दिनों की सियासी मुलाकात और कई अहम बैठक हैं, जो इस बात का इशारा कर रहे हैं कि 6 साल बाद इतिहास दोहराया जा सकता है। इन कयासों की वजह पिछले दो दिनों में हुई मुलाकातें हैं।

  • पीएम मोदी की राष्ट्रपति से मुलाकात
  • गृह मंत्री अमित शाह की राष्ट्रपति से मुलाकात
  • अमित शाह की जम्मू-कश्मीर के नेताओं से मुलाकात
  • अमित शाह की NSA डोभाल से मुलाकात
  • आज एनडीए की होने वाली है अहम बैठक

बीते 2 दिनों की ये वो सियासी हलचल है, जो इस तरफ इशारा कर रहे हैं कि मोदी सरकार एक बार फिर से देशहित में कोई बड़ा फैसला लेने जा रही है। राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, सबसे ज्यादा चर्चा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा और UCC यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर हो रही है। UCC का मुद्दा बीजेपी के कोर एजेंडे में रहा है और पीएम मोदी भी कई बार इसका जिक्र कर चुके हैं। वहीं वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर भी चर्चा तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार इस पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद से ही पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग बार-बार उठती रही है। सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को सही ठहराया था, लेकिन साथ ही केंद्र सरकार को ये भी निर्देश दिया कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।

पीएम मोदी की अमित शाह और राष्ट्रपति से मुलाकात,  अमित शाह की जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं और बीजेपी नेताओं के साथ बैठकें इस बात का संकेत हैं कि केंद्र सरकार इस दिशा में कोई बड़ा कदम उठा सकती है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी जैसे दलों ने बार-बार पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 5 August 2025 at 07:41 IST