अपडेटेड 6 April 2025 at 23:07 IST
RJD के ऐलान के बाद, वक्फ कानून के खिलाफ जमीयत उलमा-ए-हिंद भी पहुंची सुप्रीम कोर्ट; याचिका दायर
आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि वो वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वक्फ कानून में बताए गए प्रावधानों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।
- भारत
- 3 min read

शनिवार (5 अप्रैल) की देर रात को वक्फ संशोधन बिल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर के बाद वक्फ कानून बन गया। वक्फ कानून को लेकर देश के बहुत से मुसलमानों और विपक्षी पार्टियों के मन में काफी आक्रोश है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। मदनी ने एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड आकांक्षा राय, गुरनीत कौर, इबाद मुश्ताक और फुजैल अहमद अय्यूबी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून 2025 को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है। वहीं सोमवार (7 अप्रैल) को आरजेडी ने भी इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी जाएगी।
आरजेडी नेता मनोज झा ने कहा कि वो वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और वक्फ कानून में बताए गए प्रावधानों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। आरजेडी नेता ने कहा कि ये कानून संविधान का हनन करने वाला है और ये देश के सौहार्द को भी पूरी तरह से खत्म कर देगा। वक्फ कानून के खिलाफ आरजेडी और जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के अलावा कई और विपक्षी पार्टियों ने चुनौती दी है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने भी वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने कहा कि ये कानून मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ भेदभाव करेगा और वक्फ संशोधन कानून लागू होने के साथ ही मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का हनन भी होगा।
आप और AIMIM ने भी की वक्फ कानून की खिलाफत, सुप्रीमकोर्ट में डाली याचिका
इसके पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख (AIMIM Chief) और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी 4 अप्रैल को ही वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहीं दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान ने भी वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसके अलावा एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नामक एक गैर सरकारी संगठन ने भी वक्फ संशोधन कानून का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इन सबके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी द्रमुक ने भी वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही थी।
वक्फ संशोधन बिल पर लगी राष्ट्रपति की मुहर, बना वक्फ कानून
वहीं शनिवार (5 अप्रैल) की रात को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अंतिम मुहर लगने के बाद वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 अब कानून बन गया है। सदन के दोनों सदनों में पास होने के बाद वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल अब कानून बन गया है। लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर लंबी चर्चा हुई थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हस्ताक्षर के बाद अब वक्फ बिल कानून बन गया है। लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। अगले दिन बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। यहां भी लंबी और सार्थक चर्चा के बाद रात करीब 2:50 बजे बिल को पास कर दिया गया। राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।
Advertisement
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 6 April 2025 at 23:07 IST