अपडेटेड 3 March 2025 at 21:44 IST

'जिसने देशभक्त शंभा जी को मारा, उस औरंगजेब को अच्छा शासक बताना पाप, अबू आजमी देशद्रोही; माफी मांगें', भड़के एकनाथ शिंदे

औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया, ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना सबसे बड़ा पाप है, इसलिए अबू आजमी को माफी मांगनी चाहिए।'

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महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने मुगल सम्राट औरंगजेब को लेकर विवादित बयान दिया है। सपा नेता ने मुगल सम्राट औरंगजेब को अच्छा शासक बता दिया है। अब उनके इस विवादित बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने पलटवार किया है। एकनाथ शिंदे ने कहा कहा समाजवादी पार्टी के नेता ने ये शर्मनाक बयान दिया है। उन्हें इस पर शर्म आनी चाहिए और उन्हें सबके सामने माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने इस दौरान औरंगजेब द्वारा संभाजी को प्रताड़ित करने की बात कहते हुए सपा नेता को निशाने पर लिया है।

समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के विधायक अबू आजमी के औरंगजेब वाले कथित बयान पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने हमला करते हुए कहा, 'उनका बयान गलत है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक प्रताड़ित किया, ऐसे व्यक्ति को अच्छा कहना सबसे बड़ा पाप है, इसलिए अबू आजमी को माफी मांगनी चाहिए। हमारे सीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया जाना चाहिए।'

औरंगजेब पर क्या बोले अबू आजमी? जिससे खड़ा हो गया हंगामा

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के मुखिया अबू आजमी के मुगल सम्राट औरंगजेब की तारीफ करते हुए उसे भारतीय इतिहास का बेहतरीन शासक बता दिया। सपा नेता के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी पारा चढ़ने लगा है। जिसके जवाब में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे उतर आए हैं। इसके पहले अबू आजमी ने मुगल सम्राट औरंगजेब को बेहतर शासक बताते हुए कहा था, 'मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता हूं। उसने अपने शासन काल में कई हिन्दू मंदिरों का निर्माण करवाया था। औरंगजेब के शासन काल के समय भारत सोने की चिड़िया था। औरंगजेब के शासनकाल को देखकर ही अंग्रेज भारत आए थे। औरंगजेब एक इंसाफ पसंद बादशाह था।'

अबू आजमी ने दारुल उलूम को के फैसले की तारीफ की

ये कोई पहला मौका नहीं है जब समाजवादी पार्टी नेता अबू कासिम आजमी ने ऐसा विवादित बयान दिया हो। वो पहले भी ऐसे बयान देते आए हैं। इसी दौरान उन्होंने दारुल उलूम एक इस्लामी इंस्टीट्यूशन है। देश की आजादी में दारुल उलूम का योगदान रहा है। दारुल उलूम ने अच्छा काम किया है। दारुल उलूम ने देश की आजादी के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। वो चाहते हैं बच्चे पढ़ाई के समय कोई गंदी तस्वीरे ना देखे। इजराइल में यहूदियों ने बच्चों के हाथ में मोबाइल नहीं है। वो पूरे विश्व मे प्रोग्रेसिव विचारों का देश माना जाता है। जितना फायदा मोबाइल से है उतना ही इससे नुकसान भी है।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 3 March 2025 at 17:36 IST