अपडेटेड 25 December 2024 at 12:59 IST

दिल्ली की योजनाओं को लेकर छपे विज्ञापनों की सच्चाई क्या? CM आतिशी ने किया चौंकाने वाला दावा

Delhi News: मुख्यमंत्री आतिशी ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर छपे दिल्ली सरकार के विज्ञापनों को फर्जी करार दिया है।

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Delhi CM Atishi
Delhi CM Atishi | Image: ANI

Delhi CM Atishi: मुख्यमंत्री आतिशी के दावे के बाद दिल्ली की महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर उलझन की स्थिति बन गई है। वो इसलिए कि बुधवार को अखबारों में दिल्ली सरकार की ओर से विज्ञापन दिए गए, जिसमें महिला सम्मान और संजीवनी जैसी किसी भी योजना के लागू होने से साफ इनकार किया गया। हालांकि कुछ घंटों बाद ही मुख्यमंत्री आतिशी ने अपनी ही सरकार के विज्ञापनों को फर्जी बता दिया है।

दिल्ली में चुनावों से पहले अरविंद केजरीवाल ने सम्मान योजना की राशि में इजाफा करके महिलाओं को 2100 रुपये देने का ऐलान किया। उसी तरह दिल्ली के सभी अस्पतालों में 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों के मुफ्त इलाज के लिए संजीवनी योजना की घोषणा की गई। इन योजनाओं को गलत बताने वाले विज्ञापनों को लेकर फिलहाल मुख्यमंत्री आतिशी कह रही हैं कि ये विज्ञापन ही फर्जी हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 'जो नोटिस आज अखबारों में जारी हुए हैं वो पुरे तरह से गलत हैं और झूठे हैं।'

CM आतिशी ने दिल्ली सरकार के विज्ञापनों को फर्जी बताया

सीएम आतिशी ने आरोप लगाए हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने कुछ अफसरों पर दबाव बनाकर ये गलत सूचना अखबारों में छपवाई है। आतिशी ने कहा कि विज्ञापन छपवाने वाले अफसरों के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी। इन अफसरों पर पुलिस कार्रवाई भी की जाएगी। दिल्ली के मंत्रिमंडल का नोटिफिकेशन दिखाते हुए आतिशी ने कहा कि इस नोटिफिकेशन में स्पष्ट है कि जो महिला सम्मान योजना है, 1000 रुपये वाली, वो नोटिफाई हो चुकी है। उसके बावजूद बीजेपी वालों ने कुछ अफसरों पर दबाव बनाया है। ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।

आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने हर महीने एक हजार रुपये देने की स्कीम पास की। लेकिन उसके बाद केजरीवाल ने गारंटी दी कि चुनाव जीतने के बाद एक हजार रुपये की वजह 2100 रुपये दिए जाएंगे। उसके बाद केजरीवाल ने घोषणा की कि फिर से सरकार बनने पर संजीवनी योजना लाई जाएगी। ये स्वभाविक है कि ये आम आदमी पार्टी की घोषणा है। ये केजरीवाल की गारंटी है कि सरकार बनने के बाद संजीवनी योजना लाई जाएगी और महिलाओं को 2100 रुपये दिए जाएंगे, लेकिन इस प्रकार की झूठी खबरें बीजेपी निकलवा रही है, ये पार्टी की बौखलाहट दिखा रही है।

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दिल्ली सरकार के विज्ञापनों में क्या आया?

दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी के घोषित 'मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना' के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है। विभाग ने नोटिस में कहा, 'ये स्पष्ट किया जाता है कि दिल्ली सरकार की ओर से ऐसी कोई योजना अधिसूचित नहीं की गई है।' नोटिस में कहा गया है, 'इस बात पर जोर दिया जाता है कि चूंकि ऐसी कोई योजना अस्तित्व में नहीं है, इसलिए इस गैर-मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए फॉर्म और आवेदन स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। कोई भी निजी व्यक्ति, राजनीतिक दल जो इस योजना के नाम पर फॉर्म और आवेदन एकत्र कर रहा है या आवेदकों से जानकारी एकत्र कर रहा है, वो धोखाधड़ी कर रहा है और उसके पास कोई अधिकार नहीं है।'

इसी तरह संजीवनी योजना को लेकर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने नोटिस जारी किया। उस नोटिस में लिखा गया- 'स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के संज्ञान में आया है कि दिल्ली के लोगों के बीच 'संजीवन योजना' नाम की एक कथित योजना का प्रचार किया जा रहा है, जिसमें 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को सभी अस्पतालों में मुफ्त इलाज करने का दावा किया गया है। इसके अलावा ये विभाग के संज्ञान में आया है कि इस योजना के तहत नामांकन के लिए फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन अभियान भी शुरू किया गया है। कुछ राजनीतिक पदाधिकारी बुजुर्ग नागरिकों से जानकारी जुटाकर उन्हें संजीवन योजना कार्ड के कुछ सेट सौंपने के लिए घर-घर जा रहे हैं। इसके अलावा ये कथित रजिस्ट्रेशन में वरिष्ठ नागरिकों के विवरण मांग रहे हैं, जिसमें फोन नंबर, पता, आधार और बैंक खाता विवरण शामिल हैं। ऐसे में बुजुर्ग नागरिकों ने इस योजना के बारे में पूछताछ करने के लिए सरकारी अस्पतालों और कार्यालयों का दौरा करना शुरू कर दिया है।'

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दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने अपने नोटिस में आगे लिखा- 'ये सूचित किया जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के पास आज तक ऐसी कोई भी संजीवन योजना अस्तित्व में नहीं है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने न तो किसी स्वास्थ्य अधिकारी या किसी को बुजुर्ग नागरिकों से ऐसी व्यक्तिगत जानकारी और डेटा एकत्र करने के लिए अधिकृत किया है, न ही विभाग इस संबंध में कोई कार्ड प्रदान कर रहा है।'

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 25 December 2024 at 12:59 IST