अपडेटेड 2 April 2024 at 08:34 IST
'पहले रामायण और महाभारत पढ़ लेते तो ये नौबत नहीं आती',अरविंद केजरीवाल पर अनिल विज का तंज
केजरीवाल ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कस्टडी के दौरान रामायण, महाभारत समेत कुछ किताबें पढ़ने के लिए मांगा था। अब इस पर अनिल विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
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Delhi Liquor Case: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को तिहाड़ जेल भेज दिया। केजरीवाल को अदालत ने आबकारी नीति (Liquor Case) से जुड़े धनशोधन के मामले में 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब उनका नया ठिकाना तिहाड़ जेल नंबर 2 है। केजरीवाल ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कस्टडी के दौरान रामायण, महाभारत समेत कुछ किताबें पढ़ने के लिए मांगा था। अब इस पर पूर्व मंत्री अनिल विज ने तीखी प्रतिक्रिया दिया है।
आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल को उनकी प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत अवधि पूरी होने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया। सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने भी अपनी बातें कोर्ट के सामने रखी। केजरीवाल ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कस्टडी के दौरान कुछ किताबें पढ़ने के लिए मांगा। केजरीवाल ने जिन तीन किताबों की मांग की है वो है रामायण, महाभारत और हाऊ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड( पत्रकार नीरजा चौधरी द्वारा लिखित)। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल के अंदर महाभारत पढ़ेंगे।
अरविंद केजरीवाल पर अनिल विज का तंज
अब केजरीवाल की इस डिमांड पर हरियाणा का पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने तंज कसा है। अंबाला छावनी विधायक अनिल विज ने कहा कि केजरीवाल ने यदि पवित्र ग्रंथ गीती और रामायण पहले पढ़ी होती तो शायद यह नौबत ही नहीं आती। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह किसी न किसी का कोई आराध्य होता है, इसी तरह केजरीवाल के दिमाग में भी प्रधानमंत्री है और जेल में भी केजरीवाल प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश छोड़ना नहीं चाहते।
केजरीवाल अब जेल में पढ़ेंगे ये किताब
बता दें कि केजरीवाल ने जेल की अंदर रामायण, महाभारत के साथ-साथ पत्रकार नीरजा चौधरी द्वारा लिखित किताब हाऊ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड (How Prime Ministers Decide) पढ़ने की भी इच्छा जताई है। इस किताब को नीरजा चौधरी ने प्रधानमंत्री कैसे निर्णय लेते हैं इस बारे में लिखा है। अब अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल मैनुअल का पालन करना होगा। उन्हें कभी-कभी चिट्ठी लिखने की इजाजत होगी, लेकिन लगातार चिट्ठी नहीं लिख पाएंगे। जेल से अंदर से उनके लिए कोई आदेश जारी करना संभव नहीं होगा, वो फाइल भी नहीं मांग सकते हैं।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 2 April 2024 at 08:08 IST