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Published 12:24 IST, August 24th 2024

'इनका चाल, चरित्र और चेहरा सब...',आरक्षण में क्रीमीलेयर के मुद्दे पर मायावती का कांग्रेस-सपा पर हमला

SC/ST आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राजनीति भी तेज हो गई है। अब मायावती ने सपा-कांग्रेस की चुप्पी पर हमला बोला है।

Reported by: Rupam Kumari
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Mayawati and Akhilesh Yadav
आरक्षण पर मायावती ने अखिलेश यादव को घेरा | Image: Facebook

अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसले आने के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। बीते दिनों कोर्ट ने SC/ST रिजर्वेशन में सब कैटिगरी करने पर आदेश दिया था। साथ ही इसमें क्रीमी लेयर का विकल्प तलाशने को भी कहा था। इनमें उन लोगों को प्राथमिकता देने को कहा गया जिन्हें आरक्षण की वाकई जरूरत है। कई राजनीतिक पार्टियां कोर्ट के फैसले के खिलाफ खड़ी है। अब इस फैसले पर कांग्रेस और सपा की चुप्पी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने सवाल उठाए हैं।

मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक के बाद कई पोस्ट लिखकर कांग्रेस और सपा पर हमला बोला है, उन्होंने लिखा, सपा व कांग्रेस आदि ये SC/ST आरक्षण के समर्थन में तो अपने स्वार्थ व मजबूरी में बोलते हैं, मगर सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 1 अगस्त 2024 के निर्णय में SC/ST आरक्षण के वर्गीकरण व क्रीमीलेयर को लेकर अभी तक चुप्पी साधे हैं जो इनकी यह आरक्षण विरोधी सोच है। ऐसे में सजग रहना जरूरी।

आरक्षण को लेकर मायावती का कांग्रेस-सपा पर तंज

मायावती ने दोनों पार्टियों पर निशाना साधते हुए अगले पोस्ट में लिखा, सपा व कांग्रेस आदि का चाल, चरित्र व चेहरा हमेशा SC/ST विरोधी रहा है, जिस क्रम में भारत बंद को सक्रिय समर्थन नहीं देना भी यह साबित करता है। वैसे भी आरक्षण सम्बंधी इनके बयानों से यह स्पष्ट नहीं है कि ये माननीय कोर्ट के फैसले के पक्ष में हैं या विरोध में । ऐसी भ्रम की स्थिति क्यों? अब सपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियाँ आदि आरक्षण के विरुद्ध फिर से अन्दर-अन्दर एक लगती हैं, तो फिर ऐसे में केवल एससी/एसटी ही नहीं बल्कि अन्य OBC को भी अपने आरक्षण व संविधान की रक्षा तथा जातीय जनगणना की लड़ाई अपने ही बल पर बड़ी समझदारी से लड़नी है।

 सुप्रीम कोर्ट की इस फैसले पर बवाल

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों दिए गए एक बड़े फैसले में कोटा के अंदर कोटा को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (STs) के भीतर सब-कैटेगिरी बनाने की इजाजत दी थी। इनमें उन लोगों को प्राथमिकता देने को कहा गया जिन्हें आरक्षण की वाकई जरूरत है। मगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध भी जारी है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने 21 अगस्त को कोर्ट के फैसले के खिलाफ संपूर्ण भारत बंद बुलाया था।

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Updated 12:24 IST, August 24th 2024