अपडेटेड 22 July 2024 at 11:59 IST
RSS को लेकर कांग्रेस-BJP आमने-सामने, जयराम रमेश बोले- 'नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती'
सरकारी कर्मचारियों के RSS की गतिविधियों में जुड़ने के आदेश को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर जोरदार हमला किया। वहीं BJP ने भी पलटवार किया है।
- भारत
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गृह मंत्रालय की ओर से 9 जुलाई को सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में शामिल होने पर लगे बैन को हटाने का आदेश दिया। अब इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच जंग छिड़ गई है। कांग्रेस पार्टी वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बीजेपी को घेरते हुए कहा कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "फरवरी 1948 में गांधीजी की हत्या के बाद सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अच्छे आचरण के आश्वासन पर प्रतिबंध को हटाया गया। इसके बाद भी RSS ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया।"
PM-RSS के संबंधों में आई कड़वाहट: कांग्रेस
पीएम मोदी और आरएसएस के बीच खटपट का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि 1966 में, RSS की गतिविधियों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था और यह सही निर्णय भी था। यह 1966 में बैन लगाने के लिए जारी किया गया आधिकारिक आदेश है। 4 जून 2024 के बाद, स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है।
नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती: जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा, "9 जुलाई 2024 को, 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था। मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।"
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बता दें, गृह मंत्रालय की ओर से आदेश में केंद्र सरकारों के द्वारा 1966, 1970 और 1980 के आदेशों में संशोधन किया गया है। बता दें, 1966, 1970 और 1980 के आदेशों में कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ RSS की शाखाओं और अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों पर कड़े दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे। वहीं मोदी सरकार के इस फैसला का RSS ने स्वागत किया है।
BJP का कांग्रेस को जवाब
भाजपा के IT सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, "58 साल पहले 1966 में जारी किया गया असंवैधानिक आदेश, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था, मोदी सरकार ने वापस ले लिया है। मूल आदेश को पहले ही पारित नहीं किया जाना चाहिए था।"
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गोहत्या के खिलाफ विरोध के बाद लगाया बैन: BJP
उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया था क्योंकि 7 नवंबर 1966 को संसद में गोहत्या के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। आरएसएस-जनसंघ ने लाखों लोगों का समर्थन जुटाया था। पुलिस की गोलीबारी में कई लोग मारे गए। 30 नवंबर 1966 को आरएसएस-जनसंघ के प्रभाव से हिलकर इंदिरा गांधी ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया।
1977 में खुद इंदिरा गांधी ने की थी प्रतिबंध हटाने की पेशकश: बीजेपी
अमित मालवीय ने कहा, "इसके अलावा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खुद फरवरी 1977 में आरएसएस से संपर्क किया था और नवंबर 1966 में लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की पेशकश की थी, बदले में उन्होंने अपने चुनाव अभियान के लिए आरएसएस का समर्थन मांगा था। इसलिए, बालक बुद्धि एंड कंपनी को अंतहीन शिकायत करने से पहले कांग्रेस का इतिहास जान लेना चाहिए।"
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 22 July 2024 at 11:59 IST