अपडेटेड 17 March 2025 at 16:12 IST
बिहार में नीतीश ही रहेंगे पावर सेंटर? चुनाव से पहले होली मिलन के बहाने बेटे निशांत की एंट्री, मांझी बोले-चर्चा की क्या बात...
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में सक्रिय रूप से आने की अटकलों के बीच जेडीयू कार्यालय के बाहर निशांत कुमार से समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं।
- भारत
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की अटकलें लगातार जोर पकड़ती जा रही हैं। होली मिलन समारोह में निशांत की सक्रियता और पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ उनकी गुफ्तगू बहुत कुछ बयां कर रही है। अब तक ऐसी सियासी पार्टियों में गुमसुम और अलग-थलग रहने वाले निशान फुल एक्शन में नजर आए। हालांकि नीतीश कुमार की ओर से आधिकारिक रूप से ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है।
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में सक्रिय रूप से आने की अटकलों के बीच जेडीयू कार्यालय के बाहर निशांत कुमार से समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं।
निशांत कुमार का स्वागत करेंगे- जीतन राम मांझी
JDU कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के समर्थन में लगे पोस्टर पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि भारत में ऐसे कई नेता हैं जिनके बच्चे, जिनके परिवार राजनीति में आए हैं। अगर नीतीश कुमार के बेटे निशांत राजनीति में आना चाहते हैं तो इसमें चर्चा की क्या बात है, वे योग्य और सक्षम हैं, अगर वो आना चाहते हैं तो आएं। हम स्वागत करेंगे।
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जल्द सक्रिय राजनीति में हो सकती ही निशांत कुमार की एंट्री?
जेडीयू कार्यकर्ताओं का उत्साह बता रहा है कि निशांत कुमार जल्द ही बिहार में सक्रिय राजनीति में दिखाई दे सकते हैं और इसके लिए उन्होंने शायद अपनी सहमति भी दे दी है। यही कारण है कि पोस्टर में कार्यकर्ताओं ने लिखा है, बिहार की मांग सुन लिए निशांत बहुत-बहुत धन्यवाद। अब इन पोस्टरों से निकले संकेत कब तक हकीकत में बदलते हैं ये आने वाला वक्त की बताएगा पर इतजा जरूर है कि जिस तरह नीतीश कुमार ने बेटे को होली समारोह में शामिल किया उसने बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह दिया।
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हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार के बेटे को राजनीति में लाने की मांग उठी हो, पहले भी कई बार कार्यकर्ता निशांत के सक्रिय राजनीति में आने के समर्थन में पोस्टर लगा चुके हैं।
निशांत को राजनीति में लाएंगे नीतीश?
निशांत कुमार के राजनीति में आने पर अंतिम फैसला नीतीश कुमार को ही लेना है। अगर नीतीश बेटे को राजनीति में लाने का फैसला करते हैं और खुद एक कदम पीछे हटकर बेटे को उत्तराधिकार सौंपकर पिछले दरवाजे से पावर सेंटर में बने रह सकते हैं। दो दशक से अधिक समय से बिहार की सत्ता का केंद्र बने नीतीश कुमार नहीं चाहेंगे कि सत्ता की चाबी उनके हाथ से किसी और के हाथ में जाए, इसके लिए नीतीश बेटे को आगे बढ़ाकर उसे अपने हाथों में रख सकते हैं।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 17 March 2025 at 16:12 IST