अपडेटेड 14 April 2025 at 10:45 IST
बुआ के आगे झुके आकाश आनंद, माफी के बावजूद मायावती ने दिया उम्मीदों को झटका; बसपा में अब आगे क्या
आकाश आनंद को अपनी गलती मानने में 41 दिन लगे। मायावती ने लगभग डेढ महीने पहले बड़ा कदम उठाया था और अपने भतीजे आकाश को पार्टी से बाहर कर दिया।
- भारत
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Mayawati-Akash Anand: बहुजन समाज पार्टी में आकाश आनंद के लिए क्या चीजें पहले जैसी हो गई हैं? क्या मायावती अब अपना सब कुछ आकाश आनंद को सौंप देंगी? इन सवालों का जवाब बसपा सुप्रीमो मायावती की बातों में ही छिपा है। भले आकाश आनंद की गलती को मायावती ने स्वीकार कर लिया है और भतीजे को गले लगा लिया है, लेकिन दिल का दर्द जुबां से नहीं तो उन्होंने लिखकर बयां जरूर कर दिया है।
दरकिनार नहीं किया जा सकता है आकाश आनंद को अपनी गलती मानने में 41 दिन लगे। मायावती ने लगभग डेढ महीने पहले बड़ा कदम उठाया था और अपने भतीजे आकाश को पार्टी से बाहर कर दिया। आरोप कई थे और सवाल उससे भी कहीं ज्यादा उठे। खैर, इससे आगे बढ़कर आकाश आनंद अपनी बुआ और बसपा सुप्रीमो मायावती के सामने झुके और सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली। आकाश के इस कदम के बाद मायावती ने भी देर नहीं की और कुछ मिनटों के अंदर बसपा सुप्रीमो ने आकाश को दोबारा पार्टी में लेने का फैसला ले लिया।
आकाश आनंद पर मायावती ने क्या कहा?
मायावती कह रही हैं कि उन्होंने आकाश आनंद को एक और मौका दिया है। 'X' पर किए एक पोस्ट में मायावती ने लिखा- 'आकाश आनंद की तरफ से एक्स पर आज अपने चार पोस्ट में सार्वजनिक तौर पर अपनी गलतियों को मानने, सीनियर लोगों को पूरा आदर-सम्मान देने के साथ ही अपने ससुर की बातों में आगे नहीं आकर बीएसपी पार्टी और मूवमेंट के लिए जीवन समर्पित करने के मद्देनजर इन्हें एक और मौका दिए जाने का निर्णय है।'
आकाश के ससुर की BSP में नो-एंट्री का फैसला
आकाश आनंद को माफ करने के साथ मायावती ने कई कड़े संदेश भी दिए हैं। उन्होंने ये स्पष्ट किया कि उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को फिर से पार्टी में शामिल करना संभव नहीं है। मायावती ने कहा कि वो गंभीर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। आकाश के ससुर का जिक्र करते हुए मायावती ने साफ किया कि उनके कार्यों से पार्टी को काफी नुकसान पहुंचा है।
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उत्तराधिकारी को लेकर भी मायावती की दो टूक
एक अन्य पोस्ट में बसपा प्रमुख ने पार्टी में अपने स्वास्थ्य और उत्तराधिकार को लेकर चल रही अटकलों पर बात करते हुए कहा, ‘जहां तक मेरी बात है, तो मैं फिलहाल स्वस्थ हूं और जब तक पूरी तरह स्वस्थ रहूंगी, आदरणीय श्री कांशीराम जी की तरह पार्टी और आंदोलन के लिए पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करती रहूंगी। ऐसे में उत्तराधिकारी नियुक्त करने का सवाल ही नहीं उठता। मैं अपने फैसले पर अडिग हूं और आगे भी रहूंगी।’
मायावती की इन बातों से स्पष्ट है कि आकाश को भले स्वीकार कर लिया गया है, लेकिन अभी उन्हें जिम्मेदारी सौंपने की दिशा में कोई पहल नहीं है। उत्तराधिकारी को लेकर मायावती के पोस्ट के मायने ये भी निकलते हैं कि आकाश आनंद को शायद इस बार पार्टी के भीतर लंबे समय तक मुख्य राजनीति से दूर रहना पड़ सकता है।
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Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 14 April 2025 at 10:45 IST