अपडेटेड 13 April 2025 at 18:21 IST
मोदी सरकार ने सहकारिता आंदोलन में बहुत बड़ा बदलाव लाने का काम किया, राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन में बोले अमित शाह
अमित शाह ने 'राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के अंदर कृषि, पशुपालन और सहकारिता तीनों क्षेत्रों में अनेक संभवनाएं हैं।
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केन्द्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 'राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के अंदर कृषि, पशुपालन और सहकारिता तीनों क्षेत्रों में अनेक संभवनाएं हैं। उन संभवनाओं का शत-प्रतिशत दोहन करने के लिए अधिक से अधिक काम करने की जरूरत है। आजादी के 75 वर्ष बाद पीएम मोदी ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर, इस क्षेत्र को बढ़ावा दिया। 3.5 वर्षों में मोदी सरकार ने सहकारिता आंदोलन में बहुत बड़ा बदलाव लाने का काम किया है।
अमित शाह ने कहा कि संविधान में सहकारिता राज्यों का विषय है इसलिए देश भर में जिस तेजी से परिस्तिथियां बदली उसके अनुकूल सहकारिता के कानून बनाने के इनिशिएटिव नहीं लिए गए। राष्ट्रीय स्तर पर समग्रता की दृष्टी रख कर इस विचार नहीं किया गया, क्योंकि सहकारिता का कोई अलग मंत्रालय ही नहीं था।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं सहकारिता आंदोलन में बहुत बड़े बदलाव लाने का काम किया है। आज भी सहकारिता राज्य का विषय है। मैं इस मंच से देशभर की प्रत्येक राज्य सरकार का बहुत-बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने मॉडल बायलॉज स्वीकार कर देश के सहकारिता क्षेत्र में नई जान डाल दी है।
आज मुनाफा सीधे किसान के बैंक अकाउंट में जा रहा है- अमित शाह
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शाह ने कहा कि अब PACS आयुष्मान भारत से जुड़ सस्ती दवाइयां बेच रहे हैं, जल वितरण का काम कर रहे है, CSC से जुड़ 300 से अधिक सरकारी योजनाएं जनता के लिए उपलब्ध करवा रहे हैं। एक समय था जब PACS केवल और केवल शॉर्ट टर्म एग्रीकल्चर फाइनेंस का काम किया करते थे, जिसमें उन्हें आधे प्रतिशत का मुनाफा होता था। आज वही PACS 20 से अधिक काम कर रहे हैं, जिससे PACS की इनकम बढ़ी है। बीज, ऑर्गेनिक और एक्सपोर्ट कोआपरेटिव के माध्यम से किसान को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है। विश्व के बाजार में किसान को जाने के लिए प्लेटफॉर्म मिल रहा है और इससे होने वाला मुनाफा सीधे किसान के बैंक अकाउंट में जमा हो रहा है। और यह मुनाफा किसान को मिल रहा है, व्यापारी को नहीं, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
मध्य प्रदेश में सरप्लस दूध साढे तीन करोड़ लीटर है- अमित शाह
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उन्होंने कहा कि जब किसान अपनी डेयरी का दूध ओपन मार्केट में बेचने जाता है तो, उसको कम फायदा होता है। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि तेजी के साथ हर किसान को कॉपरेटिव डेयरी के साथ जोड़कर दूध से होने वाला मुनाफा सीधे किसान के पास भेजना है। मध्य प्रदेश में सरप्लस दूध साढे तीन करोड़ लीटर है, इसमें से 2.5% ही डेयरी के पास आता है। मध्य प्रदेश के केवल 17% गांव में ही दूध की कलेक्शन की व्यवस्था है, लेकिन आज NDDB और मध्य प्रदेश स्टेट कोआपरेटिव डेरी फेडरेशन के बीच हुए अनुबंध के माध्यम से 83% गांव तक डेयरी कोऑपरेटिव पहुंचने का स्कोप खुल गया है।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 13 April 2025 at 18:21 IST