अपडेटेड 27 January 2025 at 20:47 IST

Waqf संशोधन विधेयक को JPC की मिली मंजूरी तो भड़के ओवैसी, नीतीश और चंद्रबाबू पर साधा निशाना; कहा- ये हनीमून पीरियड...

समिति ने वक्फ बिल में NDA सदस्यों के 14 प्रावधानों को स्वीकार किया। विपक्ष की ओर से सभी 44 खंडों (क्लॉज) में बदलाव के प्रस्ताव वोटिंग के बाद खारिज हो गए।

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Owaisi
Owaisi | Image: PTI

Asaduddin Owaisi: वक्फ बिल में बदलावों को संसद की संयुक्त समिति (JPC) ने मंजूरी दे दी। सोमवार (27 जनवरी) को बैठक में सत्ता पक्ष की तरफ से प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया। वहीं, विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज कर दिया गया। इस पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए हैं। उन्होंने इसे वक्फ को खत्म करने की कोशिश बताया। 

समिति ने वक्फ बिल में NDA सदस्यों के 14 प्रावधानों को स्वीकार किया। वहीं, विपक्ष की ओर से सभी 44 खंडों (क्लॉज) में बदलाव के प्रस्ताव लाए गए थे, जो वोटिंग के बाद खारिज हो गए। इस पर विपक्षी नेता भड़क उठे हैं।

ओवैसी ने जताई नाराजगी

असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर कहा कि मैं अपने सहयोगियों के विचारों से सहमत हूं। अगर आप इन संशोधनों को देखेंगे तो मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए नहीं बल्कि उन्हें ध्वस्त करने और खत्म करने के लिए हैं। ये संशोधन पूरी तरह से वक्फ बोर्ड को मजबूत करने या वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए नहीं बल्कि अतिक्रमण करने वालों को पुरस्कृत करने के लिए पेश किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामी सिद्धांतों और कानून के अनुसार, वक्फ मुसलमानों के लिए प्रार्थना का एक रूप है और यह कानून हमें उससे रोक रहा है।

ओवैसी ने कहा कि JPC की बैठक हम चेयरमैन के व्यवहार की निंदा करते हैं। अध्यक्ष ने सदस्यों को अपने संशोधन पेश करने की भी अनुमति नहीं दी। वह मेरे संशोधन का विरोध कर रहे हैं। वह घृणित तरीके से ऐसा कर रहे हैं।

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नीतीश कुमार-चंद्रबाबू नायडू को भी घेरा

AIMIM प्रमुख ने इस दौरान यह भी कहा कि चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान और नीतीश कुमार इस घृणित विधेयक का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन यह राजनीतिक हनीमून खत्म हो जाएगा। इन तीनों सहयोगियों को जनता के पास वापस आना होगा।

उन्होंने कहा कि कल मसौदा रिपोर्ट साझा की जाएगी। रिपोर्ट 500 पन्नों की है। 500 पन्नों को पढ़कर अपने विचार देना कैसे संभव है? यह लोकतंत्र का मजाक है। JPC में यह पूरा व्यवहार लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। यह बिल हस्तक्षेप और संविधान के अनुच्छेद 26 को कमजोर करने वाला और उस पर हमला होगा। सभी मुसलमानों ने इसे अस्वीकार कर दिया है।

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JPC की मंजूरी, विपक्ष का विरोध

सोमवार को बैठक के बाद JPC के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति द्वारा स्वीकार किए गए संशोधनों से कानून हतर और प्रभावी होगा। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने बैठक की कार्यवाही की निंदा की और उन पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘पलटने’ का आरोप लगाया।

TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह हास्यास्पद कवायद थी। हमारी बात नहीं सुनी गई। जगदंबिका पाल ने तानाशाही तरीके से काम किया है। वहीं, जगदंबिका पाल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय को स्वीकार किया गया है।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 27 January 2025 at 20:24 IST