अपडेटेड 3 April 2025 at 00:22 IST

'क्या धमकाना चाहते हो भाई... संसद का कानून है सबको स्वीकार करना पड़ेगा', वक्फ बिल पर लोकसभा में अमित शाह ने विपक्ष को ललकारा

अमित शाह ने कहा, 'हमने वक्फ से छेड़खानी नहीं की बल्कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद के लिए संशोधन किया। इसकी फंक्शनिंग प्रशासनिक है।

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'क्या धमकाना चाहते हो भाई... संसद का कानून है सबको स्वीकार करना पड़ेगा', वक्फ बिल पर लोकसभा में अमित शाह ने विपक्ष को ललकारा | Image: PTI

Amit Shah Slams Opposition: लोकसभा में बुधवार (2 अप्रैल) की दोपहर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। प्रश्नकाल के बाद दोपहर इसे सदन में चर्चा के लिए पेश किया। स्पीकर ओम बिरला ने बिल पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय तय किया है। इसमें से NDA को 4 घंटे 40 मिनट दिए गए हैं, बाकी वक्त विपक्ष को मिला है। चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष को घेरते हुए कहा, 'जिसकी संपत्ति वक्फ बोर्ड में चली गई है वो क्या करेगा। ये कांग्रेस ने अपने वोट बैंक के लिए किया था हम इसे एक सिरे से खारिज करते हैं। ऐसा नहीं चलेगा आप अदालत में अदालत न्याय करेगी। न्याय के लिए ही तो अदालतें बनी हैं।' अमित शाह ने आगे कहा, 'मान्यवर एक सदस्य ने तो यहां तक कह दिया था कि माइनोरिटी इस कानून को स्वीकार नहीं करेगी... क्या धमकाना चाहते हो भाई। संसद का कानून है सबको स्वीकार करना पड़ेगा।'

अमित शाह ने विपक्ष को घेरते हुए कहा, 'स्वीकार नहीं करेंगे ये क्या है? ये कैसे बोल सकता है कोई? हम कानून को स्वीकार नहीं करेंगे... ये कानून भारत सरकार का है हर एक पर बंधन करना होगा और इसको स्वीकार करना पड़ेगा। मान्यवर हमने तो खैर... वक्फ से कोई छेड़छाड़ नहीं की है बस वक्फ बोर्ड और वक्फ परिसर के अंदर बदलाव किया है। मगर वक्फ के लिए भी क्या-क्या जजमेंट था सैयद फजल कुकोया फंगल बनाम भारत फल्द 10/11/28 केरल हाईकोर्ट ने कहा वक्फ एक स्टैचुरी बॉडी है, यह मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधि निकाय नहीं है। इसका फंक्शनिंग मानिए ये एडमिनिस्ट्रेटिव है, धार्मिक क्रिया कलापों को तो वक्फ को मानना है। चाहे कब्रिस्तान हो, चाहे मस्जिद हो, चाहे दरगाह हो या चाहे चैरिटी का काम हो ये वक्फ बोर्ड को नहीं करना है ये केरल हाईकोर्ट ने कहा है।'


हमने वक्फ से छेड़छाड़ नहीं की, इसकी फंक्शनिंग एडमिनिस्ट्रेटिव- अमित शाह

अमित शाह ने कहा, 'हमने वक्फ से छेड़खानी नहीं की बल्कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद के लिए संशोधन किया। इसकी फंक्शनिंग प्रशासनिक है। वक्फ बोर्ड को धार्मिक क्रियाकलाप नहीं करना है। हम वक्फ बोर्ड की मुतवल्ली को छू नहीं रहे हैं। ये कह रहे थे कि कोई गड़बड़ियां नहीं हुईं। 2013 में ये अन्यायी कानून आया। टीएमसी सांसदों के हंगामे पर अमित शाह ने कहा कि 2026 को लेकर डरे हुए हैं, चुनाव है न भाई। कल्याण बनर्जी ने कुछ कहा जिस पर अमित शाह ने कहा कि बंगाल में आकर कहूंगा, ये राजनीतिक हिसाब-किताब का अखाड़ा नहीं है। 1913 से लेकर 2013 तक वक्फ बोर्ड का कुल भूमि 18 लाख एकड़ था। 2013 से 25 तक और नई 21 लाख एकड़ भूमि बढ़ गई। 39 लाख एकड़ में 21 लाख एकड़ 13 के बाद की हैं।'


ये बिल जमीनों को सुरक्षा प्रदान करेगाः अमित शाह

अमित शाह ने वक्फ बोर्ड संशोधन एक्ट पर विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, 'लीज पर दी गई संपत्तियां 25 हजार थीं, रिकॉर्ड के हिसाब से ये शून्य हो गईं हैं, इसका मतलब है कि बेच दी गईं। सबने 2013 के कानून को अन्यायी कानून कहा है। इसी एक्ट में हमने कहा कि जो योगदान था वक्फ बोर्ड का, सात से घटाकर पांच फीसदी कर दिया। ये कहा जाएगा, वक्फ में रहा है। जो मस्जिद चल रही है, उसका हमने दो फीसदी बढ़ाया है। ये बिल जमीनों को सुरक्षा प्रदान करेगा। किसी की जमीन घोषणा मात्र से वक्फ प्रॉपर्टी नहीं बनेगी। पुरातत्व विभाग, आदिवासी भाइयों की जमीन, आम नागरिकों की जमीन सुरक्षित हो जाएगी। दान तो साहब अपनी संपत्ति का ही कर सकते हैं, गांव की संपत्ति का नहीं। वक्फ की संपत्ति घोषित करने के अधिकार को समाप्त कर दिया है, ऐसे किसी भी फैसले के लिए जिले के कलेक्टर से प्रमाणित कराना पड़ेगा। बहुत से मुस्लिम समुदाय के लोग ऐसे भी हैं जो वक्फ के दायरे में आना नहीं चाहते। सभी को समाधान देना चाहता हूं, मुसलमान भी अपना ट्रस्ट रजिस्टर्ड करा सकता है। भूमि के रिकॉर्ड का कार्यालय होगा। इसके अंदर ढेर सारे प्रावधान किए हैं।'

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 2 April 2025 at 19:45 IST