अपडेटेड 13 September 2024 at 21:33 IST
सुल्तानपुर एनकाउंटर पर सियासी तूफान के बीच अखिलेश पहुंचे मंगेश यादव के घर, बोले- सख्त कार्रवाई ही...
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस दौरान मंगेश के परिजनों के साथ मिलकर एक तस्वीर अपने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर शेयर की और योगी सरकार पर हमला बोला।
- भारत
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Akhilesh Yadav on Magesh Yadav Encounter: सुल्तानपुर में हुए ज्वेलर्स लूट कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर उत्तर प्रदेश में सियासत थमने का नाम ही नहीं ले रही है। अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एनकाउंटर में मारे गए मंगेश यादव के घर पहु्ंचे हैं और उसके माता-पिता से मुलाकात की है। इस दौरान अखिलेश यादव ने फिर वही पुराना राग अलापा है कि मंगेश यादव का फेक एनकाउंटर हुआ है और ये कहकर वो लगातार सूबे की योगी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। सपा मुखिया मंगेश यादव की मौत पर जमकर यादव और पीडीए कार्ड खेला है।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस दौरान मंगेश के परिजनों के साथ मिलकर एक तस्वीर अपने सोशल मीडिया के एक्स अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, 'तथाकथित एनकाउंटर में जिस युवा मंगेश यादव का जीवन चला गया, उसके शोक-संतप्त परिवार का कहना है कि पुलिस मंगेश को 2 सितंबर को ले गयी थी और 5 सितंबर को उसका एनकाउंटर दिखाया गया। इस प्रकरण की गहन जांच और सख़्त कार्रवाई ही क़ानून-व्यवस्था में जनता के खोये हुए विश्वास को वापस ला सकती है। भाजपा ने शासन-प्रशासन का नैतिक आधार खो दिया है।'
तथाकथित एनकाउंटर में जिस युवा मंगेश यादव का जीवन चला गया, उसके शोक-संतप्त परिवार का कहना है कि पुलिस मंगेश को 2 सितंबर को ले गयी थी और 5 सितंबर को उसका एनकाउंटर दिखाया गया।
इस प्रकरण की गहन जाँच और सख़्त कार्रवाई ही क़ानून-व्यवस्था में जनता के खोये हुए विश्वास को वापस ला सकती… pic.twitter.com/7wnWnlJ5NE— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 13, 2024
योगी सरकार पर अखिलेश का निशाना
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर पुलिस मुठभेड़ों की आड़ में जानबूझकर 'हत्याओं' की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए गुरुवार (12 सितंबर) को कहा था कि उत्तर प्रदेश 'फर्जी मुठभेड़ों' की राजधानी बन गया है। यादव के इन आरोपों को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक समेत कई मंत्रियों तथा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने गलत बताया है। सपा प्रमुख ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए दावा किया कि सुलतानपुर के मंगेश यादव सहित अपराध के संदिग्ध व्यक्तियों के साथ हाल में हुई पुलिस मुठभेड़ें दरअसल पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) के सदस्यों को निशाना बनाकर की गई पुलिस कार्रवाई के व्यापक पैटर्न का हिस्सा थीं।
एनकाउंटर पर अखिलेश ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने कहा, ' इस सरकार ने अन्याय की सारी हदें पार कर दी गई हैं।' उन्होंने इन मुठभेड़ों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा, 'क्या आज के समय में कोई कल्पना कर सकता है कि किसी व्यक्ति का मुंह बंद कर दिया जाएगा, उसे बांध दिया जाएगा और पीट-पीटकर मार दिया जाएगा?' पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने सुबूतों में विसंगतियों का हवाला देते हुए कहा कि मुठभेड़ की कहानी गढ़ी गई है। उन्होंने कहा, 'यह जगजाहिर है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार के तहत फर्जी मुठभेड़ें हुई हैं। मंगेश यादव की हत्या गांव और आसपास के इलाकों में लोगों के बीच जगजाहिर थी। पुलिस रात में आई थी और उसे उसके सामान के साथ ले गई थी।'
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UP DGP प्रशांत कुमार ने किया आरोपों को खारिज
डीजीपी प्रशांत कुमार ने पूर्व मुख्यमंत्री के इन आरोपों और दावों को सिरे से खारिज कर दिया। कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'मैं ऐसे आरोपों का पूरी तरह खंडन करता हूं। किसी अपराधी की जाति या समुदाय को ध्यान में रखकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। अगर यह पाया जाता है कि किसी ने निजी लाभ के लिए कार्रवाई की है तो उसकी जांच और उस पर कार्रवाई की पर्याप्त व्यवस्था है।' उन्होंने कहा कि पुलिस ने सुबूतों की गहन जांच के बाद ही कार्रवाई की है तथा सारी कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गई। कुमार ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को लागू करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।’ इस बीच, राज्य के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने यादव की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया।
BJP के सहयोगी दलों के नेताओं का अखिलेश यादव पर हमला
कैबिनेट मंत्री और राज्य में भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने सुलतानपुर मुठभेड़ के बारे में 'भ्रामक' बयान देने के लिए विपक्षी नेताओं की आलोचना की और कहा कि ‘अपराधी की कोई जाति नहीं होती।’ पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर और भाजपा के एक अन्य सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने सवाल किया, 'जब पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान शहीद होते हैं तो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चुप क्यों रहते हैं।' राजभर ने कहा, 'सर्राफा एसोसिएशन ने सुलतानपुर डकैती को सुलझाने के लिए पुलिस की प्रशंसा की है। अखिलेश यादव को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आरोपी अपराधी था या नहीं।'
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Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 13 September 2024 at 21:33 IST