अपडेटेड 21 February 2025 at 23:44 IST
भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली में AAP की डूबी लुटिया, आतिशी को कमान सौंप पंजाब-गुजरात पर फोकस करेंगे केजरीवाल?
अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सबसे बड़ा चेहरा हैं, उनकी नई दिल्ली सीट से हार ने उनकी और पार्टी की छवि को काफी डेंट पहुंचाया है।
- भारत
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Arvind Kejriwal: दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। दिल्ली की जनता ने भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के वादों और विकसित दिल्ली के इरादों पर मुहर लगाते हुए 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता की गद्दी भाजपा की झोली में डाल दी। दिल्ली में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की हार ने अब उनकी राष्ट्रीय राजनीति के लिए चुनौती बढ़ा दी है।
हालांकि दिल्ली में हार के बावजूद अरविंद केजरीवाल के लिए सुकून की बात ये है कि बीजेपी को उनकी पार्टी से सिर्फ दो फीसदी ही ज्यादा वोट हासिल हुए हैं, इसका मतलब जनाधार अभी भी उनके साथ है। लेकिन चुनौती ये है कि इसे वो अपने साथ बनाए रखने में कितने कामयाब हो पाते हैं।
भ्रष्टाचार का मुद्दा केजरीवाल ईमानदार छवि पर पड़ा भारी
चूंकि,अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सबसे बड़ा चेहरा हैं, उनकी नई दिल्ली सीट से हार ने उनकी और पार्टी की छवि को काफी डेंट पहुंचाया है। दिल्ली में भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल गए अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा और आतिशी को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा। मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह को जेल की हवा खानी पड़ी। शराब घोटाला और शीशमहल के मुद्दे को भुनाने में बीजेपी सफल हो गई और आम आदमी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
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केजरीवाल की राजनीति किस करवट बैठेगी?
अब सवाल उठता है कि अब अरविंद केजरीवाल अगले 5 साल क्या करेंगे, क्योंकि न तो वो विधायक हैं, न ही सांसद, फिर आखिर कैसे वो दिल्ली की राजनीति में खुद को सक्रिय रख पाएंगे? क्या अरविंद केजरीवाल दिल्ली छोड़ पंजाब की ओर रुख करेंगे, या फिर पंजाब से राज्यसभा के जरिए दिल्ली और पंजाब दोनों पर एक साथ नजर रखेंगे। या फिर कुछ समय के लिए केजरीवाल संगठन को मजबूत करने के लिए अलग-अलग राज्यों में काम करेंगे। मसलन, सवाल कई हैं और इन सभी के जवाब भविष्य के गर्भ में छिपे हुए हैं। दिल्ली में करारी हार के बाद केजरीवाल की राजनीति किस करवट बैठेगी ये तो वक्त ही बताएगा, फिलहाल तो पंजाब में पार्टी को बचाए रखना और सत्ता बनाए रखना उनके लिए बड़ी चुनौती है।
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Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 21 February 2025 at 23:37 IST